कोलकाता। कोलकाता पुलिस ने कथित तौर पर शहर में एक अवैध बच्चा बेचने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसमें लगभग 100 सरोगेट मां और सैकड़ों एजेंटों और उप-एजेंटों का नेटवर्क शामिल है। इस रैकेट के पीछे की प्रमुख मास्टरमाइंड में से एक ममता पात्रा को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पुलिस इस रैकेट में एक पॉपुलर इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) केंद्र की संलिप्तता की भी पहचान करने में सफल रही है।
कोलकाता के दक्षिणी बाहरी इलाके आनंदपुर में स्थित उक्त आईवीएफ सेंटर पर पहले ही छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया जा चुका है। पुलिस को इस रैकेट के बारे में एक मामले की जांच के दौरान पता चला, जहां एक मां रूपाली मंडल को 1 अगस्त को अपने बच्चे को एक अन्य महिला कल्याणी गुहा को बेचने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
मंडल और गुहा दोनों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। बाद में जब इसकी और गहराई से जांच की गई तो इसके पीछे के प्रमुख रैकेट की पहचान की गई। एक बार जब सामान्य प्रक्रिया में बच्चे को जन्म देने में असमर्थ कोई जोड़ा (दंपति) आईवीएफ केंद्र से संपर्क करता था, तो उसके कर्मचारी ममता पात्रा से संपर्क करते थे, जो उचित समय के बाद जोड़े को बच्चा देने का वादा करती थी।
इस बीच, पात्रा अपने एजेंट नेटवर्क के माध्यम से आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग से आने वाली किसी भी महिला से 40,000 रुपये से 50,000 रुपये तक में उनकी कोख खरीदने के प्रस्ताव के साथ संपर्क करती थी। बच्चे के जन्म के बाद इसे दंपति को 4,00,000 रुपये से लेकर 4,50,000 रुपये तक में सौंप दिया गया था, इसकी पुष्टि शहर पुलिस के एक अधिकारी ने नाम न छापने की सख्त शर्त पर की।
शहर के पुलिस अधिकारी ने कहा कि हाल ही में पात्रा ने अपनी कोख भी किराये पर दी और उसमें से नवजात को बेचकर मोटी रकम कमाई। उनके मामले में भी संदेह के घेरे में आईवीएफ सेंटर सरोगेसी का स्थान था। हम अब उस विशेष नवजात शिशु को ट्रैक करने की कोशिश कर रहे हैं। इस मामले में कुछ आईवीएफ विशेषज्ञों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है।