कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा का पश्चिम बंगाल में केंद्रीय एजेंसियों का आवागमन रोकने की धमकी वाला एक वीडियो वायरल हो गया है। वीडियो में, वह कथित तौर पर बुधवार शाम उत्तर 24 परगना जिले के कमरहाटी में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। वीडियो में मित्रा कह रहे हैं, जब भी केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी किसी ऑपरेशन के लिए जाते हैं तो वे पुलिस के यातायात विभाग को सूचित करते हैं ताकि उनके आसान आवागमन के लिए सड़कों को खाली रखा जा सके।
भविष्य में केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों द्वारा इस तरह के किसी भी आवागमत से पहले रास्ते में इस तरह की एक सार्वजनिक रैली होगी। केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को आसान आवाजाही के लिए ट्रैफिक क्लीयरेंस नहीं मिलेगा। यह सिर्फ ईडी या सीबीआई के लिए लागू नहीं होगा। यह सभी केंद्रीय एजेंसियों के लिए लागू होगा, चाहे वह सेना हो या नौसेना या रॉ।
टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य भाजपा नेता और कोलकाता नगर निगम के पार्षद सजल घोष ने कहा कि इस तरह के बयानों पर ध्यान न दें। घोष ने कहा, सवाल यह है कि वास्तव में मित्रा ने ऐसा कब कहा। ऐसा लगता है कि यह सूर्यास्त के बाद का समय है। ऐसे में उनकी टिप्पणियों की कोई प्रासंगिकता नहीं है।
इस बीच एक और वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता सौगत रॉय को पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को गाली देते देखा और सुना जा सकता है। रॉय ने बुधवार शाम बारानगर में एक बैठक में कहा, शुभेंदु ने ओडिशा के बालासोर जिले में बाहानगा रेलवे स्टेशन के पास शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतर जाने के लिए तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है।
अगर मैं जवान होता तो ऐसी टिप्पणियों के लिए शुभेंदु को जूते मारता। रॉय के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के वरिष्ठ भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि रॉय जैसे भौतिकी के सेवानिवृत्त प्रोफेसर की ओर से यह टिप्पणी सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है। सिन्हा ने कहा, वास्तव में तृणमूल कांग्रेस गटर से ज्यादा कुछ नहीं है और गटर में जाने वाला कोई भी उसके माहौल से अभ्यस्त हो जाता है।