कोलकाता : कलकत्ता हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि कोलकाता के मेयर फिरहाद हाकिम की अध्यक्षता में एक प्रशासक मंडल 20 जुलाई तक कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के कार्यवाहक बोर्ड के तौर पर कामकाज देखेगा। न्यायमूर्ति आई पी मुखर्जी और न्यायमूर्ति टी घोष की खंडपीठ ने कार्यवाहक बोर्ड का कार्यकाल 20 जुलाई तक बढ़ा दिया।
एक एकल पीठ ने सात मई को निर्देश दिया था कि मेयर का पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद बंगाल सरकार द्वारा नियुक्त प्रशासक मंडल चार सप्ताह के लिए काम करेगा। सात मई को अंतरिम आदेश में न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार ने निर्देश दिया था कि कोरोना वायरस के कारण बने असामान्य हालात में केएमसी का कामकाज सुगमता से चलता रहे, इसके लिए कार्यवाहक बोर्ड इसके रोजाना के कामकाज एक महीने तक संभालेगा।
इस आदेश को याचिकाकर्ता शरद कुमार सिंह ने खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी। रिट याचिका में केएमसी के प्रशासक मंडल का अध्यक्ष शहर के मेयर फिरहाद हाकिम को नियुक्त करने संबंधी राज्य सरकार की अधिसूचना को चुनौती दी गयी। कोरोना वायरस प्रकोप के कारण केएमसी के चुनाव नहीं होने की वजह से सरकार ने बोर्ड का गठन किया था। याचिका में दावा किया गया कि भारत के संविधान के अनुसार कोई निर्वाचित सदस्य पांच साल की निश्चित अवधि से अधिक पद पर नहीं रह सकता इसलिए हाकिम की नियुक्ति अवैध है।
याचिका में यह दावा भी किया गया कि बंगाल सरकार ने छह मई को अवैध तरीके से निवर्तमान मेयर परिषद के सदस्यों और केएमसी के मेयर को केएमसी के प्रशासक मंडल का क्रमश: सदस्य और अध्यक्ष नियुक्त किया। अधिसूचना को रद्द करने की मांग करते हुए याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि कोलकाता नगर निगम अधिनियम में प्रशासक की नियुक्तति का कोई प्रावधान नहीं है।