कोलकाता मेट्रो ने पिछले एक साल में अपनी क्षमता विस्तार में अभूतपूर्व बढ़ोतरी की

कोलकाता। साल 2021 के दौरान, कोलकाता मेट्रो ने अपने नेटवर्क के बुनियादी ढांचे और क्षमता विस्तार के विकास में अभूतपूर्व वृद्धि की है। कोविड चुनौतियों के बावजूद, कोलकाता मेट्रो ने यात्रियों के लिए भविष्य के विकास और यात्रा के नए अनुभवों के लिए अगले स्तर की नींव रखना जारी रखा। पिछले एक साल की उपलब्धियों की बात करें तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल फरवरी में नोआपारा से दक्षिणेश्वर (4.1 किमी लंबाई) तक उत्तर दक्षिण मेट्रो के विस्तारित खंड का उद्घाटन किया और इस पर पहली मेट्रो को हरी झंडी दिखाई।

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा था कि इस विस्तार से न केवल कोलकाता के लोगों को बल्कि हुगली, हावड़ा और उत्तर 24 परगना के लोगों को भी मेट्रो सेवाओं का लाभ प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इस दौरान नोआपाड़ा कारशेड का नॉन इंटरलॉकिंग (एनआई) कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया गया। इस एनआई कार्य में नोआपारा में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में परिवर्तन (रूपांतरण) शामिल था, जो कारशेड में सभी मार्गों, बिंदुओं, संकेतों और ट्रैक अनुभागों से जुड़ा हुआ है।

इस परिवर्तन ने नोआपारा से रेकों की आवाजाही के लचीलेपन परिचालन में काफी सुधार किया और इस तरह मेट्रो रेलवे के ट्रेन चलाने के निष्पादन मानकों में वृद्धि हुई है। पिछले साल ही ईस्ट-वेस्ट मेट्रो के फूल बागान से सियालदह तक पहला ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा हुआ। इस कॉरिडोर का सियालदह स्टेशन बहुत जल्द चालू होने वाला है। 2021 में अगस्त माह में केंद्र सरकार की ओर से 1.24 मेगावाट का रूफटॉप सोलर पावर प्लांट राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित किया गया।

यह पावर प्लांट ईस्ट-वेस्ट मेट्रो के सेंट्रल पार्क डिपो के दो प्रमुख भवनों की छतों पर लगाया गया है, जो 19173 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। नतीजतन मेट्रो रेलवे प्रति वर्ष लगभग 45 लाख रुपये की बचत करने में सक्षम होगा। रेल मंत्रालय के अनुसार इसके साथ ही गांधी जयंती के अवसर पर पिछले साल महानायक उत्तम कुमार मेट्रो स्टेशन पर दो लिफ्ट राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित की गईं।

मेट्रो रेलवे के 37वें स्थापना दिवस पर 24 अक्टूबर 2021 को महानायक उत्तम कुमार स्टेशन पर नॉन-एसी मेट्रो रेक (रेक नंबर एन 12/14 कोलकाता मेट्रो का अंतिम नॉन-एसी रेक) के अंदर देश के किसी भी मेट्रो रेलवे में अपनी तरह की पहली प्रदर्शनी एग्जिबिशन ऑन व्हील्स का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी में रंगीन पोस्टरों के माध्यम से देश की पहली मेट्रो, कोलकाता मेट्रो के गौरवशाली अतीत, वर्तमान परि²श्य और इसके भविष्य की परियोजनाओं को प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी के बाद मेट्रो रेलवे ने नॉन एसी रेक के अपने बेड़े को विदाई दी।

मेट्रो रेलवे ने 7 स्टेशनों का कायाकल्प करने को लेकर स्टेशन ब्रांडिंग अधिकारों के लिए निजी विश्वविद्यालयों, बैंकों, स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने वाले संस्थानों, बीमा कंपनियों आदि सहित कॉरपोरेट घरानों को पेशकश की है। इस निविदा में उत्तर-दक्षिण मेट्रो के 5 स्टेशनों दमदम, नोआपारा, बेलगछिया, एस्पलेनेड व पार्क स्ट्रीट और ईस्ट वेस्ट मेट्रो के 2 स्टेशनों बंगाल केमिकल और सियालदह (जो बहुत जल्द चालू हो जाएगा) को स्टेशन ब्रांडिंग अधिकारों के लिए पेशकश की गई है। मेट्रो ने इन स्टेशनों के ब्रांडिंग अधिकार देकर पहले साल में 3.65 करोड़ रुपये कमाए हैं।

उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर के एएफसी-पीसी गेटों की ब्रांडिंग भी 2 वर्ष की अवधि के लिए पूरी कर ली गई है। स्टेशनों के 350 गेटों पर ब्रांडिंग अधिकार देकर कुल 73.50 लाख रुपये की कमाई की गई है। इसके अलावा उत्तर-दक्षिण मेट्रो के सभी 26 स्टेशनों के 52 कार्ड बैलेंस चेकिंग टर्मिनल (सीबीसीटी) को भी ब्रांडेड किया गया है, जिससे मेट्रो रेलवे को 12.48 लाख रुपये कमाने में मदद मिली है।

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