कोलकाता। पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों (Junior Dotor’s) की हड़ताल जारी है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार एवं हत्या के मामले में न्याय तथा स्वास्थ्य सचिव को हटाने की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय स्वास्थ्य भवन के बाहर बुधवार को भी धरने पर बैठे रहे।
स्वास्थ्य भवन के बाहर बुधवार को धरना प्रदर्शन का नौवां दिन है वहीं अस्पतालों में ”कामकाज बंद रखने” का 40वां दिन है।
प्रदर्शन स्थल में मौजूद एक चिकित्सक ने कहा, ”स्वास्थ्य सचिव एन. एस. निगम को हटाना और सरकारी अस्पतालों में डराने-धमकाने की परंपरा को खत्म करना ध्वस्त हो चुकी स्वास्थ्य प्रणाली को पटरी पर लाने के लिए अहम है। हम मुख्यमंत्री के साथ एक और बैठक का अनुरोध करते हैं।”
चिकित्सकों की पांच सूत्री मांग में स्वास्थ्य सचिव को हटाना एक प्रमुख मांग थी।
चिकित्सकों की शासी निकाय की बैठक के समापन के बाद जारी एक बयान के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने राज्य प्रशासन की ओर से उठाए गए कदमों को उनके आंदोलन की ”केवल आंशिक जीत” बताया। बैठक मंगलवार शाम साढ़े छह बजे शुरू हुई थी और आधी रात के बाद तक चली।
चिकित्सकों ने कहा कि वे मुख्य सचिव मनोज पंत को एक ईमेल भेजकर दिन में मुख्यमंत्री के साथ एक और बैठक की मांग करेंगे।
उन्होंने अस्पताल परिसर के अंदर चिकित्सकों की सुरक्षा पर भी चर्चा की मांग की और इस बात की विस्तृत जानकारी देने की मांग की कि सरकार सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की सुरक्षा कड़ी करने के लिए आवंटित 100 करोड़ रुपये को किस तरह खर्च करना चाहती है।
बयान में कहा गया है, ”सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा तंत्र में व्यापक बदलाव किए बगैर अस्पतालों में कोई भी सुरक्षा उपाय प्रभावी तरीके से लागू नहीं किए जा सकते, जिसमें ‘रेफरल प्रणाली’ को सुव्यवस्थित करना, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और पेशेवर रोगी परामर्शदाताओं की नियुक्ति, भर्ती भ्रष्टाचार पर रोक लगाना और जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना शामिल है।”
चिकित्सकों ने मेडिकल कॉलेज में मुख्य सचिव नीत कार्यबल के लिए तत्काल अधिसूचना जारी करने की भी मांग की जिसके बारे में बनर्जी के आवास पर उनके साथ बैठक में वादा किया गया था।
उन्होंने छात्र संघ चुनाव कराए जाने और इन संस्थानों की सर्वोच्च नीति-निर्माण संस्थाओं में जूनियर चिकित्सकों के पर्याप्त प्रतिनिधित्व की भी मांग की।
राज्य सरकार ने मंगलवार को विनीत गोयल के स्थान पर मनोज कुमार वर्मा को कोलकाता पुलिस का नया आयुक्त नियुक्त किया था। इससे एक दिन पहले बनर्जी ने प्रदर्शनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों के साथ बैठक की थी और उनकी मांगों पर सहमति जताई थी। इसका उद्देश्य आरजी कर अस्पताल की घटना पर एक महीने से अधिक समय से चल रहे गतिरोध को हल करना था।
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