कोलकता : देश भर में जारी कोरोना के कहर के बीच कोलकाता स्थित इस्कॉन मंदिर द्वारा आयोजित किया जाने वाला रथयात्रा उत्सव बिना भक्तों के मंदिर परिसर के अंदर ही संपन्न होगा। मंदिर के एक प्रवक्ता ने बुधवार को यह जानकारी दी। कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए यह अभूतपूर्व निर्णय लिया गया। बंगाल में कोरोना वायरस से 11,000 से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं, जबकि देश में 3.5 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं।
इस्कॉन-कोलकाता केंद्र के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने बताया कि इस्कॉन कोलकाता ने रथयात्रा से संबंधित सभी समारोह अपने परिसर के अंदर करने का फैसला किया है और हम किसी भी भक्त को इसमें शामिल होने की अनुमति नहीं देंगे। 23 जून से रथयात्रा शुरू हो रही है और पिछले साल 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने नौ दिवसीय उत्सव में भाग लिया था।
उन्होंने आगे कहा कि ऐसा लगता है कि कोविड-19 का खतरा बढ़ रहा है और बिल्कुल कम नहीं हुआ है। रथयात्रा को खुले में मनाना जोखिम भरा होगा क्योंकि बड़ी संख्या में लोग रथ खींचने के लिए इकट्ठा होते हैं। सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए ऐसा करना व्यावहारिक रूप से असंभव है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले साल के महोत्सव को झंडी दिखाई थी। इस्कॉन के प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार को इस्कॉन मंदिर के अंदर रथयात्रा आयोजित करने के अपने निर्णय के बारे में सूचित कर दिया है।