कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि उसके 7.76 करोड़ रुपये के चलन से बाहर हो चुके नोटों को बदलने के मामले में संजय जैन और 13 अन्य के खिलाफ कोलकाता की विशेष पीएमएलए अदालत में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है। ईडी ने आरोपितों को दोषी ठहराने और 4.80 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने की प्रार्थना की है। अदालत ने अभियोजन की शिकायत पर संज्ञान लिया है। ईडी ने फर्जी तरीके से प्रोपराइटरशिप फर्मों और उनके बैंक खातों को खोलकर 7.76 करोड़ रुपये के विमुद्रीकृत नोटों को वैध मुद्रा में बदलने के संबंध में जैन और अन्य के खिलाफ सीबीआई द्वारा दायर एक एफआईआर और आरोप पत्र के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की।
ईडी ने कहा, “जैन ने कोलकाता की बड़ा बाजार एक्सिस बैंक शाखा के डिप्टी मैनेजर अमितेश सिन्हा के साथ मिलकर अन्य व्यक्तियों से 7.76 करोड़ रुपये की राशि चलन से बाहर कर दिए गए 1000 और ₹500 रुपये के नोटों में प्राप्त की थी। बाद में उन्होंने इस नकदी को अवैध रूप से खोले गए बैंक खातों में जमा कर दिया और कई लाभार्थियों को धन हस्तांतरित कर दिया।”
इससे पहले, ईडी ने 2019 में प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर (पीएओ) जारी करके 3.45 करोड़ रुपये की बैंक खातों और अचल संपत्तियों के रूप में संपत्ति कुर्क की थी और बाद में अगस्त 2020 में अभियोजन शिकायत दर्ज की थी। इसके अलावा, ईडी ने मार्च 2022 में एक और पीएओ जारी करके 1.34 करोड़ रुपये की अन्य संपत्तियां कुर्क कीं। दोनों पीएओ की पुष्टि निर्णायक प्राधिकारी, पीएमएलए द्वारा की गई थी। मामले की आगे की जांच जारी है।