Kolkata Durga Puja 2020 : प्रवासी महिला श्रमिक के रूप में दिखेंगी देवी दुर्गा

कोलकाता (Kolkata) : बंगाल में दुर्गा पूजा (Durga Puja) के आयोजन की तैयारी शुरू हो गई है। कोविड-19 (Covid-19) के चलते इस बार आयोजन भव्य तरीके से नहीं होगा लेकिन गाइडलाइन (guideline) का पालन करते हुए दुर्गा पूजा पंडाल समिति अपने-अपने स्तर पर इसे मनाएंगी। वैसे तो यहां हर पंडाल अपने आप में खास होता है लेकिन इस बार दक्षिण कोलकाता के बेहाला में एक दुर्गा पंडाल की चर्चा खास वजह हो रही है।

लॉकडाउन (Lockdown) के समय प्रवासी महिला श्रमिकों को तपती धूप में गोद में अपने बच्चे को लिए पैदल सैकड़ों किलोमीटर का फासला तय करके घर लौटने की तस्वीरें सबने देखी थी। वह भी नारी शक्ति का एक रूप था, जो बयां कर रहा था कि एक मां अपने बच्चे के लिए सबकुछ कर सकती है। देवी दुर्गा को अब उसी रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है।

कोलकाता के बेहला (Behala) इलाके में बरीशा दुर्गा पूजा कमिटी ने पंडाल में इस बार मां दुर्गा की प्रतिमा की जगह प्रवासी मजदूरों (Migrant Labor) की पूजा करने और उनकी संघर्षपूर्ण यात्रा को दिखाने का फैसला किया। पंडाल में इस बार प्रवासी महिला मजदूरों की प्रतिमाओं के जरिए उन संघर्षरत मांओं की यात्रा को सलाम किया जाएगा। गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान 1.5 करोड़ प्रवासी श्रमिक अपने घर लौटे थे। इनमें बड़ी तादाद में महिलाएं भी शामिल थीं।

पंडाल में प्रवासी मजदूरों की बेटियों के रूप में देवियों की सांकेतिक मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। इनमें से एक मूर्ति के साथ मां लक्ष्मी का वाहन ‘उल्लू’ तो दूसरी मूर्ति के साथ मां सरस्वती का वाहन ‘हंस’ के साथ लगाई जाएगी। चौथी मूर्ति हाथी के सिर के साथ होगी जो भगवान गणेश का सांकेतिक रूप होगी।

बरीशा क्लब के एक अधिकारी ने बताया कि दुर्गा शक्ति की देवी है। हम अपनी प्रतिमा के माध्यम से शक्ति के एक और स्वरूप को दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं, जो हमें लॉकडाउन के दौरान देखने को मिला था। एक मां अपने बच्चे के लिए क्या-क्या कर सकती है, इसका यह सशक्त उदाहरण है। इस अनूठी प्रतिमा को रिंटू पाल ने तैयार किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

17 + 17 =