जाने कौन सा ग्रह किस रोग का कारक है!

पं. मनोज कृष्ण शास्त्री, बनारस : सभी नौ ग्रहों का व्यक्ति के जीवन पर काफी गहरा प्रभाव पड़ता है। मनुष्य का शरीर पांच तत्वों और तीन धातुओं से मिलकर बना है। जिनको सभी 9 ग्रह मिलकर नियंत्रित करते हैं। क्या आप जानते हैं जब भी कोई तत्व या धातु कमजोर हो जाती है, तो हमारे शरीर में बीमारियां पैदा होने लगती है? बीमारी छोटी हो या बड़ी, मनुष्य के शरीर में होने वाली हर बीमारी का सीधा प्रभाव नौ ग्रहों से होता है। कौन सा ग्रह किस बीमारी के लिए जिम्मेदार है, इस बात की जानकारी यदि व्यक्ति को हो जाए तो वह बहुत हद तक अपनी बीमारियों को दूर कर सकता है। इसलिए इस बात की जानकारी बेहद जरूरी है, कि किस ग्रह से कौन सा रोग जन्म लेता है। इन सभी नौ ग्रहों में से कौन सा ग्रह किस बीमारी का कारक है, और इनसे बचने के लिए हमें क्या उपाय करना चाहिए :-

सूर्य ग्रह से होने वाली बीमारियां : नौ ग्रहों में सूर्य को राजा का दर्जा प्राप्त है। हर ग्रह की शक्ति के पीछे सूर्य की शक्ति मानी गई है। क्या आप जानते हैं कि यदि आपका सूर्य ठीक नहीं है, तो आपको हड्डियों और नेत्र से जुड़ी हुई समस्या हो सकती है। हृदय रोग, टीबी और पाचन तंत्र जैसी बीमारियों का कारण भी सूर्य ग्रह ही माना जाता है।
उपाय : सूर्य ग्रह से होने वाली बीमारियों के प्रभाव से बचने के लिए सुबह जल्दी उठें। स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। खाने में गेहूं की दलिया का सेवन जरूर करें । तांबे के पात्र में पानी पीएं।

चंद्रमा से होने वाली बीमारियां : चंद्रमा इंसान के मन और सोच को नियंत्रित करता है, और यही कारण है कि इस ग्रह द्वारा व्यक्ति को मानसिक बीमारियां होती हैं। व्यक्ति को अनेक तरह की चिंताएं परेशान करती है। नींद ना आना, घबराहट होना और बेचैनी जैसी अनेक समस्याएं बनी रहती हैं।
उपाय : यदि आपको इस तरह की परेशानी है, तो आप देर रात तक ना जागें। पूर्णिमा या फिर एकादशी में से किसी एक तिथि पर उपवास रखें। भगवान शिव की पूजा करें। और चांदी का छल्ला या फिर चांदी की चेन धारण करें।

मंगल से होने वाली बीमारियां : मंगल ग्रह को विशेष तौर पर रक्त का स्वामी माना गया है। मंगल ग्रह से व्यक्ति को रक्त संबंधित परेशानियां होती है। दुर्घटना, बुखार जैसी परेशानियों के लिए भी मंगल ग्रह ही जिम्मेदार माना जाता है। इसके साथ-साथ त्वचा संबंधित परेशानियां भी मंगल द्वारा पैदा होती है।

उपाय : मंगल ग्रह से होने वाले रोगों से बचने के लिए मंगलवार के दिन व्रत रखें। चीनी की बजाय खाने में गुड़ का इस्तेमाल करें। जमीन पर या लो फ्लोर के पलंग पर सोएं, और घड़े का ही जल ग्रहण करें। ऐसा करना आपके लिए बेहद लाभकारी होगा।

बुध ग्रह से होने वाली बीमारियां : बुध ग्रह को व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का स्वामी माना गया है। और यही कारण है कि बुध ग्रह से इन्फेक्शन वाली बीमारियां ज्यादा होती है। कान, नाक और गले की बीमारियों के साथ-साथ त्वचा से जुड़ी हुई बीमारियों के लिए भी बुध ग्रह जिम्मेदार होता है।
 उपाय : बुध ग्रह के प्रभाव से बचने के लिए खाने में हरी सब्जियों और सलाद का सेवन करें। उगते हुए सूरज की रोशनी में बैठे। सुबह खाली पेट तुलसी के पत्ते का सेवन करें। और गायत्री मंत्र का जाप करें, आपके लिए लाभकारी होगा

बृहस्पति से होने वाली बीमारियां : बृहस्पति ग्रह व्यक्ति के स्वस्थ्य रहने का कारण भी माना जाता है, तो व्यक्ति को गंभीर बीमारी देने का भी कारण है। कैंसर, हेपेटाइटिस और पेट जैसी गंभीर बीमारियां बृहस्पति ग्रह से पनपती है।
उपाय : बृहस्पति ग्रह के प्रभाव से बचने के लिए सुबह जल्दी उठकर पानी में हल्दी मिलाकर उसका सेवन करें। सोने का छल्ला तर्जनी उंगली में धारण करें। मस्तक पर हल्दी का तिलक जरूर लगाएं और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।

शुक्र ग्रह से होने वाली बीमारियां : शुक्र ग्रह के द्वारा व्यक्ति को हारमोंस और मधुमेह जैसी बीमारियां परेशान करती हैं। कभी-कभी यह आखों से संबंधित रोग भी देता है।
उपाय : दोपहर के भोजन में दही का सेवन करें। चीनी, चावल और मैदा जितना हो सके कम खाएं। सुबह जल्दी उठकर टहलने जाए, और एक सफेद स्फटिक की माला गले में धारण करें।

शनि ग्रह से होने वाली बीमारियां : शनि ग्रह से होने वाली बीमारियां आमतौर पर व्यक्ति के जीवन में लंबे समय तक बनी रहती है। व्यक्ति को चलने-फिरने में तकलीफ होती है।
उपाय : शनि ग्रह से होने वाली बीमारियों के प्रभाव से बचने के लिए सादा भोजन करें। हवादार और साफ-सुथरे घर में रहें। लोहे का छल्ला धारण करें, रोजाना सुबह पीपल के पेड़ के नीचे बैठें।

राहु ग्रह से होने वाली बीमारियां : राहु ग्रह व्यक्ति को रहस्यमय तरह की बीमारियां देने का कारक माना गया है। छोटी दिखने वाली बीमारियां आमतौर पर आगे चलकर गंभीर रूप धारण कर लेती है। इस तरह की बीमारियां खुद ब खुद आती है, और खुद ही चली जाती है।
उपाय : राहु ग्रह से बचने वाली बीमारियों के लिए चंदन की सुगंध लें। गले में तुलसी माला धारण करें। सादा भोजन करें और चमकदार नीले रंग का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें।

केतु ग्रह से होने वाली बीमारियां : राहु की तरह ही केतु भी रहस्यमय बीमारियों का कारक है। आमतौर पर त्वचा और रक्त से संबंधित परेशानियां केतु ग्रह द्वारा होती है । इन बीमारियों का कारण और निवारण समझ में नहीं आता है।
उपाय : केतु ग्रह के प्रभाव से बचने के लिए रोजाना स्नान करें। पूजा-पाठ में मन लगाएं। ज़रूरतमंदों को भोजन कराएं और गुप्त दान करें।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें
जोतिर्विद दैवज्ञ
पं. मनोज कृष्ण शास्त्री
9993874848

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

two × 4 =