।।सन् 2022 में मकर राशि का वार्षिक राशिफल।।
मकर CAPRICORN
(भो, ज, जी, खी, खू, खे, खो, ग, गि)
शुभरंग- जामुनी व काला,
शुभ अंक- 1,
शुभधातु-लोहा,
शुभरत्न- नीलम,
शुभवार– शनिवार, शनिवार का व्रत
ईष्ट– हनुमान।
हनुमान चालीसा का पाठ लाभ देगा,
शुभमास– चैत्र, आषाढ़, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, फाल्गुन,
मध्यमास– वैशाख व ज्येष्ठ,
अशुभमास– श्रावण, पौष व माघ।
ये जातक मितव्ययी, नीतिज्ञ, विवेक बुद्धियुक्त, विचारशील, व्यावहारिक बुद्धि वाले होते हैं। इनमें विशिष्ट संगठन क्षमता होती है। असाधारण सहनशीलता, धैर्य और स्थिर प्रवृत्ति इन्हें बड़ा संगठन खड़ा करने में मदद करती है। इन लोगों को उपहास से हमेशा भय लगा रहता है। इस कारण समूह में बोल नहीं पाते। ऐसे में लोग समझते हैं कि ये लोग अंतर्मुखी हैं। इस राशि का स्वामी शनि है। शनि अच्छा होने पर ये लोग ईमानदार, सजग और विश्वसनीय होते हैं और शनि खराब होने पर ठीक उल्टा होता है। इन्हें एक साथी हमेशा साथ में चाहिए। तब इनका कार्य अधिक उत्तम होता है। इन जातकों में अहंकार, निराशावाद, अत्यधिक परिश्रम की कमियां होती हैं। इन्हें चिंतन पक्षाघात (एनालिसिस पैरालिसिस) की समस्या होती है।
जातकों को सजग रहकर इन समस्याओं से बचने की कोशिश करनी चाहिए। ये लोग अपने परिजनों से प्रेम करते हैं लेकिन उसका प्रदर्शन नहीं करते। इसलिए परिवार के लोग, यहां तक कि इनकी संतान भी ही समझती है कि उनके पिता उन पर ध्यान नहीं देते। एक बात है जो इनके व्यवहार के विपरीत होती है वह यह कि जहां समूह में एक भी बाहर का व्यक्ति हो तो ये लोग चुप्पी मार जाते हैं, लेकिन यदि परिवार के लोग या सभी निकट के परिचित लोग हो तों परिहास की हल्की फुल्की ऐसी बातें करते हैं कि सभा में उपस्थित सभी लोगों का हंसते हंसते बुरा हाल हो जाता है।
लम्बे और पतले मकर लग्न अथवा राशि के जातकों को एक बारगी देखने पर यकीन नहीं होता कि ये लोग बड़े समूह या संगठन का सफल संचालन कर रहे हैं। बचपन में इन्हें देखें तो लगता है पता नहीं कब बड़े होंगे और कब अपने पैरों पर खड़े होंगे। पर, किशोरावस्था में अचानक तेजी से बढ़ते हैं और इतना विकास करते हैं कि अचानक युवा दिखाई देने लगते हैं। यह अवस्था भी इतने अधिक लम्बे समय तक रहती है कि साथ के युवक अधेड़ दिखने लगते हैं और इन पर जैसे अवस्था का असर ही दिखाई नहीं देता। यह त्याग और बलिदान की राशि है।
कुल मिलाकर अगर देखा जाए तो इस वर्ष मकर राशि के जातक अपनी मेहनत और लग्न के बल पर कई उपलब्धियां हासिल करने में सफल रह सकते हैं। हालांकि आपके ऊपर कार्य के बोझ की अधिकता होने की आशंका है लेकिन भविष्य में आपको इसका लाभ मिलने की भी प्रबल संभावना है। इस वर्ष निजी व पेशेवर जीवन में तरक्की के कई मौके आपको मिल सकते हैं। आप इस वर्ष एकाग्रचित्त होकर अपने कार्य कौशल में निखार लाने के लिए नई चीजों को सीखने में सफल रह सकते हैं। परिणामस्वरूप आप इस वर्ष महसूस कर सकते हैं कि आप पहले की तुलना में अपने कार्य को लेकर अधिक कुशल और दक्ष हो चुके हैं।
इस वर्ष आप आराम और अन्य चीजों पर अपना समय खर्च करने से बचते नजर आ सकते हैं और इस समय का अपने व्यक्तिगत विकास और कार्य पर खर्च करना ज्यादा पसंद कर सकते हैं। आप अपने करियर में स्थिरता लाने के लिए सकारात्मक प्रयास करते नजर आ सकते हैं। आप अपनी रुचि व शौक़ों को लेकर उत्साहित हो सकते हैं लेकिन अन्य सालों की अपेक्षा में मकर राशि के जातकों के लिए यह वर्ष शांत रहने की संभावना है जिसकी वजह से इस वर्ष आपको अपने भविष्य के बारे में सोचने का काफी समय प्राप्त होगा।
इस वर्ष 12 अप्रैल से चतुर्थ स्थान में राहु का आगमन अशुभ फलदायक रहेगा। मातृ कष्ट, सम्पत्ति विवाद, कार्य व्यवसाय में विघ्न या स्थान परिवर्तन, गृह क्लेश आदि कारणों से शारीरिक व मानसिक कष्ट अनुभव होगा। निकट सम्बन्धी भी दूरी बना लेंगे। 13 अप्रैल से तृतीय स्थान में स्वराशि में गुरु मित्र सुख, पदोन्नति, स्त्री सुख, भाग्य व आय में वृद्धिकारक रहेगा। प्रसन्नता एवं सन्तोष के समाचार मिलेंगे। आप सन् 2017 से शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव में है। शनि राशिपति होने के कारण साढ़ेसाती काल में प्रारंभिक ढ़ाई वर्ष के बाद अधिक अशुभ फल नहीं देता है। इस वर्ष 29 अप्रेल से शनि दूसरे स्थान में उतरती साढ़ेसाती के रूप में ताम्रपाद से गतिशील होगा। फलतः रोजगार व्यापार के हेतु से देशान्तर यात्रा के योग बनेंगे जिससे लाभदायक स्थितियों का सृजन होगा।
4 जून से शनि वक्री होकर 12 जुलाई से पुनः छः माह के लिये मध्य साढ़ेसाती के रूप में लोहपाद से गतिशील होगा। इस समय शारीरिक स्वास्थ्य में कमी, स्त्री को कष्ट, व्यापार में हानि, राज्य से भय संभव है। शनि के वक्रत्व काल में विशेष सावधानी बरतनी चाहिये तथा अनावश्यक विवादों से दूर रहना चाहिये। 23 अक्टूबर से शनि मार्गी होकर 17 जनवरी 2023 से पुनः दूसरे स्थान में उतरती साढ़ेसाती के रूप में स्वर्णपाद से गतिशील होगा। अपनी मूल त्रिकोण राशि में शनि जन्मभूमि में कष्टप्रद रहेगा। स्थान परिवर्तन या नई स्थावर मिलकत की प्राप्ति से अनुकूलता प्राप्त होगी। फिर भी शारीरिक-मानसिक कष्ट अनुभव होंगे। शक्ति उपासना से लाभ होगा।
।।मासिक राशिफल।।
जनवरी : शिक्षा क्षेत्र से जुड़े जातकों के लिए उत्तम कहीं से अप्रिय समचार मिलने से मन खिन्न होगा। शत्रुपक्ष हावी हागा, अतः आपको कदम फूंक-फूंक कर रखना चाहिए। प्रशासन से उलझना हारिकारक होगा। जीवनसाथी व परिवारजनों का सहयोग मिलेगा। कार्यक्षेत्र में लापरवाही से हानि होगी।
माह की 1, 6, 9, 15, 16, 17, 22, 24 व 29 तारीख श्रेष्ठ है।
फरवरी : स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। कार्यक्षेत्र में उन्नति होगी एवं चुनौतियों का सामना होगा। दीर्घकालिक चिंता का अंत होगा। कोर्ट-कचहरी के कार्य आपके पक्ष में होंगे। स्वास्थ्य का सुधार होगा प्रभावशाली व्यक्ति से मुलाकात होने से आत्मबल बढ़ेगा।
माह की 3, 4, 5, 9, 10, 11, 15, 17, 26 व 27 तारीख का विशेष ध्यान रखें।
मार्च : संयम बरतें तो लाभ होगा। मिश्रित फल मिलेंगे। कॅरियल की बेहतरी के लिए आप भरसक प्रयास करेंगे, काफी हद तक सकारात्मक परिणाम भी मिलेंगे। वरिष्ठजनों का सहयोग मिलेगा एवं अटका हुआ पैसा निकलेगा। भविष्य के प्रति आप अधिक गंभीर होंगे। भूमि का सुख मिलेगा। मांगलिका कार्यों में व्यस्तत बढ़ेगी।
माह की 4, 6, 8, 10, 12, 20, 21, 26 व 31 तारीख को व्यर्थ चिंता से बचें।
अप्रैल : चिकित्सा के लिए यह माह उपयुक्त है। कार्यक्षेत्र में उन्नति होगी। सामाजिक भागीदारी बढ़ेगी एवं कड़े वित्तीय निर्णय लेंगे। नये अनुबंधों से व्यापार बढ़ेगा। शत्रतुपक्ष कमजोर होगा। अनावश्यक वाद-विवाद से मतभेद बढ़ेंगे एवं यात्रा से लाभ होगा।
माह की 2, 3, 6, 7, 11, 12, 15, 19, 22, 26 व 30 शुभ तारीखें हैं।
मई : काम के विस्तार के लिए यह माह हितकर है। अनर्थक बातों में न उलझे अन्यथा प्रतिद्वंदी आपसे आगे निकल जायेंगे। नई संभावनाओं पर विचार होगा, परन्तु उनकी क्रियान्विति मुश्किल होगी। मेहनत के अनुरूप फल नहीं मिलेगा। कार्यक्षेत्र में शत्रुओं से सावधान रहे। कूटनीति से ही जमीन के विवाद हल होंगे।
माह की 3, 6, 7, 8, 9, 14, 16, 17, 21, 24, 25 व 29 तारीख शुभ है।
जून : महत्वपूर्ण कार्यों के लिए अच्छा समय है। कानूनी पक्ष से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। स्वभाव में परिवर्तन महसूस करेंगे। शत्रुपक्ष कमजोर होगा। वाहन, मशीनरी का उपयोग सावधानीपूर्वक करें, अन्यथा हानि होगी। चन्द्रमा व केतु की युति सफलता दिलवायेगी। कार्यक्षेत्र में प्रतिष्ठा मिलेगी।
माह की 3, 9, 14, 25 व 30 तारीख हर दृष्टिकोण से अच्छी है।
जुलाई : कार्यक्षेत्र में समस्या के बावजूद आप परिवार को समय दे पायेंगे। राहु व मंगल की चतुर्थ भाव में स्थिति वाहन के द्वारा क्षति करवा सकती है। उच्चाधिकारियों से अनबन होगी। आध्यात्मिक व मानसिक शान्ति तलाश करेंगे। रुका हुआ पैसा प्राप्त होगा एवं वरिष्ठजनों के सहयोग से मन प्रसन्न होगा।
माह की 3, 13, 23, 25, 27, 28, व 29 तारीख कष्टप्रद होगी।
अगस्त : धार्मिक कार्यों के लिए यह माह उपयोगी सिद्ध होगा। गलत निर्णय से मन खिन होगा। सामाजिक सक्रियता बढ़ेगी। उच्चाधिकारियों से मनमुटाव होगा। भूमि-भवन संबंधी कार्यों से लाभ होगा। गुप्त बातें उजागर होने से छवि धूमिल होगी। कार्यक्षमता व कुशलता में वृद्धि होगी। इष्टमित्रों से कहासुनी होने पर मन खिन्न होगा।
माह की तारीख 1, 2, 3, 4, 5, 24, 26, 27 व 30 अत्यंत लाभकारी होंगे।
सितम्बर : माता-पिता के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। बनता-बनता काम बिगड़ जायेगा। क्रोध व वाणी पर नियंत्रण खोने से मान-सम्मान, यश-कीर्ति व प्रतिष्ठा का ग्राफ बढ़ेगा। रुपया अटक सकता है। आपसी मतभेद का निराकरण होगा एवं बुजुर्ग का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। इष्टमित्रों से धोखा मिलने से मन खिन्न होगा।
माह की 1, 10, 12, 14, 19, 20, 21, 24 व 30 तारीख शुभफल देगी।
अक्टूबर : विकास की राह पर चलने के लिए उत्तम माह। अटका हुआ रुपया प्राप्त होगा। शत्रुपक्ष प्रबल होगा। मेहनत के कारण जटिल कार्य भी पूर्ण होंगे। सभी कार्य सिद्ध होंगे क्योंकि मंगल व चन्द्रमा की युति श्रेष्ठ है। मांगलिक कार्यों में व्यस्तता बढ़ेगी।
माह की तारीख 3, 6, 9, 10, 11, 12, 15, 18, 19, 20, 21 व 24 शुभ है।
नवम्बर : रक्तचाप की समस्या हो सकती है। स्वराशि का चन्द्रमा आपको माह के प्रारम्भ में सफलता देगा आपका आत्मविश्वास व ऊर्जावान स्वभाव आपका आभामण्डल बढ़ाएगा। रिश्तों में खटास का अनुभव कर सकते हैं।
माह की 2, 3, 4, 5, 11, 12, 13, 14, 17, 18, 19, 21, 26, 27 व 29 सामान्य रहेंगे।
दिसंबर : व्यर्थ की चिंता से बचें। पुरानी चिंता समाप्त होगी। भविष्य की योजनाओं में समय व्यतीत होगा। आर्थिक लाभ के योग बन रहे है, यदि गंभीरता से काम करेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी। धार्मिक संगति बढ़ेगी। माह के मध्य में नवम भाव में चन्द्रमा का गोचर आपकी बुद्धिमत्ता से आपको कार्यसिद्धि प्रदान करेगा।
तारीख 3, 10, 12, 19, 21 व 28 शुभप्रद होगी।
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पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
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