कोलकाता : राज्य भाजपा ने कोलकाता नगर निगम चुनावों में बिना वीवीपैट के सिर्फ ईवीएम द्वारा चुनाव करवाने पर अपनी आपत्ति दर्ज करवाई है। भाजपा की ओर से वकील पिंकी आनंद ने आयोग से सवाल किया कि सभी ईवीएम में वीवीपैट नहीं है। अतः बिना पर्याप्त वीवीपैट के राज्य भाजपा को निगम चुनावों में सिर्फ ईवीएम के इस्तेमाल पर आपत्ति है। इस बार कलकत्ता हाई कोर्ट में निगम चुनावों को लेकर मामला होने से निगम चुनाव थोड़ा पेचीदा हो गया है। राज्य चुनाव आयोग पहले ही अदालत को बता चुका है कि मई तक राज्य की सभी नगर पालिकाओं में चुनाव करवाए जा सकते हैं। साथ ही कोर्ट को ये भी बताया था कि EVM की कमी है। इसी का भाजपा ने विरोध किया।
भाजपा की ओर से वादी की वकील पिंकी आनंद ने सवाल किया कि आयोग के पास जो ईवीएम हैं, उनमें वीवीपैट नहीं है। ऐसे में भाजपा की उन सभी ईवीएम से वोट करवाए जाने को लेकर आपत्ति है। यह कैसे कहा जा सकता है कि जिन ईवीएम में वीवीपैट नहीं है, उससे वोट पारदर्शी होगी? चूंकि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश हैं, अत: वीवीपैट अनिवार्य है, तो फिर निगम चुनावों में बिना वीवीपैट के ईवीएम से कैसे चुनाव होगा!
भाजपा के अधिवक्ता ने इस तथ्य का उदाहरण दिया कि ईवीएम की कम संख्या के बावजूद, 2015 में 91 नगर पालिकाओं का चुनाव करना संभव हुआ था। उस वक्त राज्य चुनाव आयोग के पास में EVM कम था। परंतु राज्य चुनाव आयोग ने ईवीएम को केंद्र के पास से लिया था। केंद्र ने राज्य को 8 हजार ईवीएम की आपूर्ति की थी। इसके बाद चुनाव हुआ था। इसलिए इस तरह का कोई भी तर्क स्वीकार नहीं किया जा सकता है कि कोई बुनियादी ढांचा नहीं है।
अगर राज्य चुनाव आयोग केन्द्र से ईवीएम लेता है तो एक साथ मतदान करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। उस सवाल को सुनने के बाद कोर्ट ने निर्देश दिया कि और किस-किस विषयों पर भाजपा को आपत्ति है कल तक लिखित में इसकी सूचना देनी होगी। राज्य सरकार और आयोग शुक्रवार को आरोपों का जवाब देंगे।