तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर। आंगनवाड़ी केंद्र सिर्फ खिचड़ी और अंडे खाने तक सीमित नहीं हैं। आईसीडीएस की “दीदीमणि” नन्हे-मुन्नों के पोषण का ध्यान रख रही हैं। यह पोषण बच्चों सहित गर्भवती माताओं के लिए कितना सार्थक साबित हो रहा है, इसका परीक्षण “पोषण 2023 कार्यक्रम” में प्रतियोगिता के माध्यम से किया जा रहा है। खड़गपुर शहर के आईसीडीएस केंद्रों में बच्चों और माताओं के लिए आयोजित प्रतियोगिता में आज आंगनबाड़ी की स्वयंसेविकायें, बच्चों और गर्भवती माताओं को खाना बनाने और खिलाने के अलावा भी बहुत कुछ करती हैं।
यह आयोजन स्वस्थ लड़के, लड़कियों और माताओं के लिए किया गया। वहां, कई बच्चे अपनी माताओं के साथ घर का बना पौष्टिक भोजन लाए और केंद्र द्वारा प्रदान किए जाने वाले भोजन की प्रदर्शनी लगायी गई। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने दिखाया कि बच्चों को पहले पढ़ना कैसे सिखाया और खिलौनों से उन्हें हर चीज से कैसे परिचित कराया जाता है। यह कार्यक्रम खड़गपुर शहर के खरीदा मिलन मंदिर क्लब के आईसीडीएस केंद्र में आयोजित किया गया।
इस मौके पर मौजूद शहर सीडीपीओ सुश्रुति तिवारी ने कहा कि प्रदेश में यह पहली सुपुष्टि प्रतियोगिता है। शिशुओं और गर्भवती माताओं के चयन के लिए आज प्रतियोगिता आयोजित की गई। कुपोषित बच्चों के साथ भी आईसीडीएस के कर्मचारी उनके पोषण का ध्यान रखते हैं। सुपेरिटेंडेंट मधु चंदा चाकी और लिपि रॉय चौधरी सहित कई आंगनवाड़ी केंद्र कार्यकर्ता और सहायिकाएं इस अवसर पर उपस्थित रही।