तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर रेलनगरी खड़गपुर में भावनाओं का ज्वार उमड़ा रहा। स्थानीय ट्रैफिक हाई स्कूल परिसर में आयोजित खड़गपुर रिपोटर्स क्लब के 11 वें जंगल महल कविता व सांस्कृतिक उत्सव में देशज भाषाओं में रचनाएं प्रस्तुत कर शब्दकर्मियों ने सिद्ध किया कि जननी मां की तरह मातृभाषा से भी मनुष्य का असीम लगाव होता है। इस अवसर पर स्थानीय नगरपालिका के पूर्व उपाध्यक्ष शेख हनीफ , खड़गपुर रिपोटर्स क्लब के सचिव सह आजकेर दर्पण पत्रिका के मुख्य संपादक गुलाम आशिक , अध्यक्ष जहीर चौधरी, सलाहकार शंभू पाल, सत्यदेव शर्मा, राहुल शर्मा, अमित मिश्रा, मोहन राव, तापस मुखोपाध्याय, कल्पना जोसेफ, एस . एस . अबरार सफी , कमरुज्जमां , मोहम्मद हाशिम व ट्रैफिक हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक तापस माईती आदि की उपस्थिति ने समूचे कार्यक्रम को पूर्णता प्रदान की।
समारोह में बांग्ला से लेकर संथाली व उर्दू भाषा तक में कलमकारों ने रचनाएं प्रस्तुत कर स्वयं को अभिव्यक्त किया । इस अवसर पर कवि चंचल दुबे ( पुरुलिया ) , साहित्यकार आलोक मंडल ( बांकुड़ा ) पूर्णिमा बोस ( पत्रकारिता ) और समाजसेवी विवेकानंद दास चौधरी को जंगल महल अनन्य सम्मान 2021, जबकि कवि मोनालिसा भौमिक , साहित्यकार अंबर कांति कुमार , पत्रिका संपादक जयंत चटोपाध्याय ( बांकुड़ा ) व समाजसेवी मोहम्मद हाशिम को इस वर्ष का ” आजकेर दर्पण ” अनन्य सम्मान से सम्मानित किया गया । अपने संबोधन में वक्ताओं ने कहा कि कई दशक पहले हुई लोमहर्षक घटना ने विश्व समुदाय को मातृभाषा के महत्व से परिचित कराया।