Kharagpur: Allegations of exploitation and land grabbing, memorandum submitted to SDO

खड़गपुर : शोषण और जमीन हड़पने का आरोप, एसडीओ को सौंपा ज्ञापन

खड़गपुर : पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत खड़गपुर ग्रामीण कृषि जमीन – जीविका परिवेश संगठन की ओर से मंगलवार को खड़गपुर के ट्रैफिक स्थित एसडीओ कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन करने के साथ ही ज्ञापन भी सौंपा गया, जिसमें शिल्पाँचल स्थित कारखाने के विरुद्ध शोषण और जमीन हड़पने का गंभीर आरोप लगाया गया।

संगठन के नेता अनिल दास ने कहा कि रश्मि ग्रुप की फैक्ट्री नंबर 6 लंबे समय से आदिवासियों का शोषण कर रही है। प्रशासनिक हलकों में इसकी सूचना के बावजूद फैक्ट्री की जमीन पर कब्जा नहीं रुका है। यहां तक ​​कि जाति के अधिकार वाले  धार्मिक स्थान को भी हजम करने की कोशिश हो रही है।

इससे गरीब मेहनतकश आदिवासियों  के सब्र का बांध टूट गया है। आज खड़गपुर ग्रामीण कृषि भूमि आजीविका एवं पर्यावरण संगठन ने एस डी ओ कार्यालय पर एक प्रतिनिधिमंडल एवं विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया, जिसके तहत निम्नलिखित मांगें रखी गई हैं।

  • 14 एकड़ जमीन जो कंपनी ने गलत तरीके से ली है, उतनी खेती योग्य जमीन कंपनी  बाहर से खरीद कर दे।
  • कंपनी के अंदर 200 लोगों को पट्टादारों और बरगादारों की जमीन की सही कीमत देनी होगी।
  • लालू सोरेन नामक आदिवासी का तालाब कंपनी द्वारा गलत तरीके से पाट दिया गया था। कंपनी बाहर जमीन खरीद कर उसे दे।
  • 4 एकड़ के सरकारी बाउचा तालाब को गलत तरीके से खत्म कर दिया गया है, हम इसका कड़ा विरोध करते हैं।
  • दो वनदेवी मंदिरों को फैक्ट्री मंदिर के अंदर और 14 एकड़ रैयती जमीन जो अभी तक बेची नहीं गई है, उसे फैक्ट्री से बाहर ले जाने की व्यवस्था की जाए।
  • ग्रुप प्रदूषण फ़ैक्टरियाँ लगाने के नाम पर आदिवासियों की 3 फ़सली ज़मीन नहीं ले सकता।
  • तीन फसली भूमि का चरित्र नहीं बदला जायेगा।
  • क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त रखा जाये।

संगठन की ओर से खड़गपुर ग्रामीण कृषि भूमि आजीविका संरक्षण संगठन की ओर से नेपाल सिंह, रंजीत बांकुरा, खड़गपुर औद्योगिक प्रदूषण निवारण समिति के सचिव अनिल दास व अन्य ने एस डी ओ से मुलाकात की।

Kharagpur: Allegations of exploitation and land grabbing, memorandum submitted to SDO

अनिल दास ने कहा कि एस डी ओ ने मामले को धैर्यपूर्वक सुना और उन सभी लोगों से व्यक्तिगत रूप से एक लिखित आवेदन जमा करने के लिए कहा, जिनकी भूमि पर कब्जा कर लिया गया है। तालाब भरने के विरुद्ध वह कंपनी के बाहर तालाब बनाने का आदेश देंगे और मंदिर को लेकर क्या किया जा सकता है इस पर कंपनी अधिकारियों से चर्चा की जाएगी।

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