खाकुड़दा : आंचलिक भाषाओं को बचाना बड़ी चुनौती

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत खड़गपुर तहसील के बेलदा स्थित खाकुड़दा के भगवती देवी कॉलेज के सभागृह में मातृभाषा दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। केलघाई और बागुईपाड़ के मीठा भाषा चर्चा कमेटी की मोर माएर भाषा परिचर्चा की गई। इसी के साथ आंचलिक भाषा की पत्रिका “छामूर-दुआर” के पांचवें अंक का लोकार्पण हुआ।

भाषा अभ्यास समिति के सचिव नरसिंह दास ने कहा कि हमने अपना बचपन इस क्षेत्र में बिताया है। यह पहल आजकल बच्चों के बीच गाँव की प्रचलित भाषा को प्रसारित करना है। संगठन के कार्यवाहक अध्यक्ष अमित कुमार साहू ने उम्मीद की कि आने वाले दिनों में, भाषा और पत्रिकाओं को अधिक सराहा जाएगा।

प्रमुख लोक संस्कृति शोधकर्ता मधुप दे ने सभा की अध्यक्षता की। उन्होंने इस भाषा का अभ्यास और प्रासंगिकता बचाने की आवश्यकता के बारे अपने विचार प्रकट किए। अध्यक्ष सिद्धार्थ शंकर मिश्रा, ब्रज गोपाल पड़िया और शोधकर्ता व लेखक अतनु नंदन माइती , कविता प्रकाशन के कमलेश नंद, शांतनु अधिकारी तथा सुब्रत महापात्रा आदि ने भी व्याख्यान प्रस्तुत किया।

पत्रिका के प्रकाशन के साथ स्थानीय भाषा में कविता लिखने के लिए एक प्रतियोगिता आयोजित की गई विभिन्न प्रतिभागियों ने स्थानीय भाषा में कविता पढ़ी।

आज के आयोजन में, चामुदुआर पत्रिका सम्मान लेखक जन्मजय साहू और विद्यासागर विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त कॉलेज निरीक्षक डॉ. विनय कुमार चंद को प्रस्तुत सौंपा गया। मनिकांचन रॉय, समिति की सह-सचिव, सुमित्रा साहू गिरी तथा प्रसून कुमार पड़िया ने संगठन की ओर से सभी के प्रति आभार जताया।

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