वाराणसी । हिंदू धर्म में दिवाली को प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। सुख-समृद्धि और धन वैभव प्रदान करने वाले इस त्योहार में मां लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन गणेश जी और माता लक्ष्मी की नई मिट्टी की मूर्ति स्थापित की जाती है, जो पूरे साल भर पूजा की जाती है। लक्ष्मी गणेश जी की ये मूर्ति धनतेरस के दिन खरीदना शुभ माना जाता है। अगर आप भी गणेश जी और माता लक्ष्मी की मूर्ति खरीदने जा रहे हैं, तो इन बातों का जरूर ख्याल रखें, जिससे कि पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो।
लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदते समय ध्यान रखें ये बातें
बैठी मुद्रा में हो : लक्ष्मी गणेश जी मूर्ति ऐसी है जिसमें वह बैठी मुद्रा में नजर आ रहे हैं। कभी भी ऐसी मुद्रा में मूर्ति न खरीदे जिसमें वह खड़ी मुद्रा में हो।
इस तरह हो गणेश जी की सूंड : मूर्ति खरीदते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि गणेश जी की सूंड बाएं ओर मुड़ी हो। ऐसी मूर्ति की पूजा करने से वह जल्द प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही इस बात का ध्यान रखें की सूंड़ में दो घुमाव न हो।
ऐसी खरीदें मां लक्ष्मी की मूर्ति : मां लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति खरीदे जिसमें वह कमल में विराजमान हो और उनके हाथ वर मुद्रा में हो और धनवर्षा कर रहा हो।
गणेश जी की मूर्ति में मूषक जरूरी : भगवान गणेश की मूर्ति खरीदते समय मूषक यानी चूहा का जरूर ध्यान रखें। मूर्ति में इनके न होने पर दोष लगता है। मूषक की सवारी करते हुए गणेश जी की मूर्ति भी शुभ मानी जाती है।
एक साथ जुड़ी मूर्ति न खरीदे : भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की ऐसी मूर्ति बिल्कुल न खरीदे जिसमें दोनों एक में ही जुड़ी हो। हमेशा विग्रह यानी अलग-अलग मूर्ति खरीदनी चाहिए।
मां लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति न खरीदें : मां लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति न खरीदे जिसमें वह उल्लू में सवार हो। ऐसी मूर्ति अलक्ष्मी या काली लक्ष्मी का प्रतीक मानी जाती है। इसके साथ ही खड़ी मुद्रा में मां लक्ष्मी की मूर्ति न खरीदें।
इस दिशा में रखें लक्ष्मी गणेश जी की मूर्ति : पूजा करते समय गणपति और लक्ष्मी माता की मूर्ति घर की पूर्व दिशा या घर के मध्य स्थान पर रखें और फिर विधिवत पूजा करें।
ज्योतिर्विद् वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848