कोलकाता। शादी का सपना हर जवां लडक़ी देखती है। उसकी जिन्दगी में शादी का बहुत महत्त्व होता है। शादी के बाद लडक़ी जिन्दगी के नए सफर पर निकल पड़ती है। अजनबी लोगों के बीच स्वयं को स्थापित करना किसी चुनौती से कम नहीं होता है। एक नए परिवार में नई दुनिया शुरू करना कोई आसान काम नहीं हैं जहां हर रिश्ते को महत्व देते हुए साथ लेकर चलना पड़ता हैं। इस सफर में अक्सर युवतियों से कुछ कमियाँ रह जाती हैं जिनके चलते उनकी पारिवारिक जिन्दगी में दरार आने लगती है। देखने में तो यह कमियाँ गौर करने लायक नहीं होती हैं लेकिन आपके रिश्ते पर बहुत बड़ा प्रभाव डालती हैं। आज डालते हैं एक नजर उन कमियों पर जिन्हें प्रयास करके लड़कियों को नहीं रहने देनी चाहिए—
पुरानी को भूलकर नए तरीके से शुरू करें जिन्दगी
कहने को तो यह आसान होता है कि शादी के बाद लडक़ी में बदलाव आना चाहिए। यह बात सिर्फ लडक़ी पर ही नहीं अपितु लडक़े पर भी लागू होती है। लेकिन उम्मीद सिर्फ लडक़ी से की जाती है, जिसके चलते उन्हें अपनी पुरानी जिन्दगी जीने के अंदाज को बदलना पड़ता है। यदि वह ऐसा नहीं करती हैं तो घर में कलेश होना शुरू हो जाता है। उदाहरण के लिए अगर शादी से पहले आप हर दिन शाम को ऑफिस के बाद या घर से घूमने जाती थीं, तो इसे शादी के बाद भी करते रहना आपके पति व सास-ससुर से रिश्ते पर असर डाल सकता है। आपको और आपके साथी को मिलकर एक-दूसरे के साथ यूं ढलना होगा कि इस तरह की किसी भी नेगेटिव सिचुएशन से बचा जा सके।
आपका पति किसी का बेटा भी है
जिस लडक़े के साथ आपकी शादी हुई है वो आपका पति है और आप भी अपना सब कुछ छोडक़र ससुराल आई हैं, ऐसे में यदि आप चाहती हैं कि आपका रिश्ता मजबूत बना रहे तो यह न भूलें कि वह लडक़ा किसी का बेटा भी है। वह सब कुछ सिर्फ आपके लिए या आपकी पसंद के हिसाब से करता रहे ये उम्मीद करना ही गलत है। जिन्होंने उसे जन्म दिया, पाला-पोसा, उनका भी अपने बेटे से उम्मीदें रखने का पूरा हक है।
खुद को भूल जाना और निर्भरता
शादी के बाद महिलाएं, जो सबसे बड़ी गलती करती हैं वो खुद को भूल जाना और ज्यादा निर्भर होना है। यकीनन मैरिड लाइफ में ढलने के लिए पर्सनैलिटी में कुछ बदलाव लाने पड़ते हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप खुद को पूरी तरह बदल दें। आपकी पसंद-नापसंद, सोच, वो चीजें करना जो खुशी दे, खुद के लिए समय निकालना, अपने लिए चीजें प्लान करना, अपने ऊपर पैसे खर्च करना, हेल्थ पर ध्यान देना, हॉबीज को समय देना जैसी चीजों को जिंदा रखें। इसी तरह पति पर ज्यादा निर्भर न हों, नहीं तो एक समय पर ये आपकी इतनी बड़ी कमजोरी बन जाएगा कि अगर आप हसबैंड के बिना कहीं गईं, तो समझ ही नहीं आएगा कि क्या करें और क्या नहीं। ये आपके सेल्फ-कॉन्फिडेंस को बुरी तरह से तोडक़र रख देगा।
ससुराल अर्थात् अपने घर की बात पीहर में न बताएं
शादी के बाद लडक़ी का अपना खुद का एक घर हो जाता है। वह अपने पति, बच्चों और सास-ससुर (माता-पिता) के साथ अपनी जिन्दगी बसर करने लग जाती है। पीहर अब उनका घर नहीं रहा। ऐसे में अपने घर से जुड़ी छोटी-छोटी चीजों को मायके में बताना अच्छी बात नहीं है। यह न सिर्फ आपके सास-ससुर बल्कि पति के साथ रिश्ते पर भी असर डाल सकता है। आपको एक सीमा खींचनी होगी कि कितनी बात अपने मायके में बतानी है और कितनी नहीं। हाँ यदि आपको अपने ससुराल में परेशानियों का सामना करना पड़ता है तो आप जरूर अपने मायके वालों को बताएं।
पर्सनल स्पेस की सीमा न बनाना
एक ओर जहां आपको ढलना होगा, तो दूसरी ओर आपको अपनी पर्सनल स्पेस को लेकर एक सीमा भी खींचनी होगी। इसमें आपको पति से लेकर घर के हर सदस्य को शामिल करना होगा। पर्सनल स्पेस में किसी का बार-बार घुसना पहले-पहले तो आप बर्दाश्त कर लें, लेकिन समय के साथ ये दखल आपको इतना परेशान कर देगा कि किसी भी दिन आप फूट पड़ेंगी। ऐसे में बेहतर है कि पहले ही सीमा खींच ली जाए।