बंगीय हिंदी परिषद में कविकल्प का आयोजन

कोलकाता । कोलकाता की प्रसिद्ध साहित्यिक संस्था ‘बंगीय हिंदी परिषद’ में रविवार को मातृ दिवस के शुभ अवसर पर कविकल्प की गोष्ठी का सफल आयोजन ऑनलाइन गूगल मीट और ऑफलाइन रूप से परिषद कक्ष में किया गया जिसकी अध्यक्षता गजेंद्र नाहटा ने की। मुख्य अतिथि के रूप में नंदलाल रौशन गोष्ठी में उपस्थित रहे।काव्यगोष्ठी का आरंभ कृष्णकांत दुबे और सुदामी यादव की सरस्वती वंदना से हुआ।

अपने स्वागत वक्तव्य में परिषद के उपाध्यक्ष रामाकांत सिन्हा ने कहा कि आज की यह गोष्ठी हमें निराशा के सघन क्षणों से मुक्ति प्रदान करने वाली है। आज 2 वर्षों के अंतराल के बाद हम सब कोरोना को पराजित करते हुए काव्य की जय यात्रा के साक्षी बने हैं। अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में गजेंद्र नाहटा ने सभी कवियों की कविताओं की सराहना की एवं बंगीय हिंदी परिषद के इस सारस्वत प्रयास को आगे बढ़ाते रहने के लिए समस्त कवियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

गोष्ठी में युवा एवं वरिष्ठ पीढ़ी के कवियों ने विविध विषयों पर अपनी कविताएं प्रस्तुत की। उपस्थित कवियों में कृष्णकांत दुबे, राजेंद्र नाथ त्रिपाठी, नंदलाल रौशन, गजेंद्र नाहटा, अंजू छारिया, रामाकांत सिन्हा, मनोज मिश्रा, स्वागता बसु, पुष्पा मिश्रा, सुषमा राय पटेल, निखिता पाण्डेय, मौसमी प्रसाद, प्रो.दिव्या प्रसाद, अदिति साव, हिमाद्री मिश्रा, सुदामी यादव, सागर चौधरी, निशा राजभर, आलोक चौधरी, रोहित साव, संजय शुक्ल, प्रदीप धानुक आदि प्रमुख थे।काव्यगोष्ठी का उत्कृष्ट संचालन मौसमी प्रसाद और प्रदीप धानुक तथा धन्यवाद ज्ञापन सुषमा राय पटेल और प्रो. दिव्या प्रसाद ने किया।

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