होली के रंग में रंग गया कवि सम्मेलन

बरेली । मानव सेवा क्लब के तत्वावधान में क्लब के कहरवान स्थित कार्यालय परिसर में शनिवार को होली के अवसर पर कवि सम्मेलन का आयोजन मशहूर शायर विनय साग़र जायसवाल की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो. एन.एल. शर्मा व विशिष्ट अतिथि रणधीर प्रसाद गौड़ धीर रहे। रोहित राकेश के संचालन से प्रारम्भ हुए कार्यक्रम में मधु वर्मा ने गणेश वंदना प्रस्तुत की। गणेश जी और सरस्वती जी की प्रतिमा पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण किया गया। मां शारदे की वंदना डॉ. रंजन विशद ने बड़े ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत की। सभी का औपचारिक स्वागत क्लब के अध्यक्ष सुरेन्द्र बीनू सिन्हा ने किया।

कार्यक्रम में कवि पी.के.दीवाना ने कैसी होली, किसकी होली किस संग खेलूँ होली? जिस-जिस संग चाहा था खेलूँ वो तो और किसी की हो..ली सुनाकर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। कवि डॉ. शिवशंकर यजुर्वेदी ने होली पर अपनी प्रस्तुति देते कहा कि रूप पर है निखार होली में, रँगों की है फुहार होली में। आओ हम-तुम गले लग जाएँ, त्याग मन का विकार होली में। कवि रोहित राकेश ने प्यार की तो मीठी मीठी बोली आने वाली है, पिचकारियों में रंग भरी गोली आने वाली है।
मन में छाया है उल्लास, खुशियां घर आई, प्रेम बरसाने वाली अब होली आने वाली है पर श्रोताओं को बहुत पसंद आई। कवि उपमेन्द्र सक्सेना ने होली पर अपनी अभिव्यक्ति देते हुए मिला बहाना अब होली का, दूर हुई अपनी लाचारी जाने कब से पापड़ बेले, अब आई मिलने की बारी होली पर जो अपनी हो ली, लगे दूसरों को वह न्यारी अपने मन में बसी हुई है, लगती है अब इतनी प्यारी पर श्रोताओं से ख़ूब ताली बटोरीं।

कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे मशहूर शायर विनय सागर ने होली की ग़ज़ल सुनाते हुए कहा–
है ये रंग-ए-बहार होली का
चल पड़ा कारोबार होली का
देखते ही मुझे कहा उसने
देखो आया शिकार होली का
सुनाकर वाहवाही लूटी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो.एन एल.शर्मा ने कहा कि मानव सेवा क्लब ने होली के कार्यक्रम प्रारम्भ करके प्रशंसनीय कार्य किया। रंजन विशद, रामकुमार भारद्वाज, विमल कांत वाजपेयी, अनुराग वाजपेयी, कैलाश मिश्र रसिक, राज बाला धैर्य, दीपा गुप्ता, रामकृष्ण शर्मा ने अपनी-अपनी सुंदर अभिव्यक्ति देकर श्रोताओं को ख़ूब रिझाया। कार्यक्रम में क्लब के अध्यक्ष सुरेन्द्र बीनू सिन्हा ने सभी का आभार व्यक्त किया। नरेंद्र कोहली और निर्भय सक्सेना का विशेष सहयोग रहा।

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