कोलकाता। आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में अगस्त में एक महिला जूनियर डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या मामले में पीड़िता के माता-पिता की ओर से अब सुप्रीम कोर्ट, कलकत्ता हाईकोर्ट और कोलकाता की ट्रायल कोर्ट में करुणा नंदी और उनकी टीम पैरवी करेंगी। यह जानकारी तब सामने आई जब पीड़िता के माता-पिता की पूर्व वकील वृंदा ग्रोवर ने इस मामले से हटने की घोषणा की।
वृंदा ग्रोवर के कार्यालय से जारी बयान में “बाहरी हस्तक्षेप और परिस्थितियों” को इस फैसले का कारण बताया गया है।
उल्लेखनीय है कि यह दूसरी बार है जब पीड़िता के परिवार के वकील को बदला गया है। इससे पहले माकपा के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता बिकास रंजन भट्टाचार्य इस मामले की पैरवी कर रहे थे।
करुणा नंदी और सब्यसाची चटर्जी पहले से ही पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ डॉक्टरों के संगठन ‘जॉइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स’ का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जो इस दुष्कर्म और हत्या के खिलाफ जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन का समर्थन कर रहा है।
इससे पहले, सितंबर में इस आंदोलन का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील को भी बदला गया था। उस समय वरिष्ठ वकील गीता लूथरा की जगह प्रसिद्ध अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता इंदिरा जयसिंह ने केस संभाला था।
महिला जूनियर डॉक्टर का शव नौ अगस्त की सुबह अस्पताल परिसर के सेमिनार हॉल से बरामद हुआ था।
प्रारंभिक जांच कोलकाता पुलिस ने की थी, लेकिन बाद में कलकत्ता हाईकोर्ट के एक डिवीजन बेंच ने यह मामला सीबीआई को सौंप दिया।अब, करुणा नंदी की टीम के इस केस में शामिल होने से पीड़िता के माता-पिता को न्याय की उम्मीद और बढ़ गई है।
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