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यह ग्रहण भारत में दृश्य नहीं है, अत: इसके सूतक आदि भी मान्य नहीं होंगे
वाराणसी। आश्विन कृष्ण अमावस्या, शनिवार, दिनांक 14/15 अक्टूबर 2023 ईस्वी को यह सूर्यग्रहण (भारत के बाहर) उत्तरी व दक्षिणी अमेरिका के अधिकांश भाग के साथ-साथ अफ्रीका महाद्वीप के पश्चिमी भाग के कुछ क्षेत्र (सैनेगोल,मॉरिटेनिया आदि) में भारतीय स्टैण्डर्ड टाईम के अनुसार रात्रि 08 बजकर 34 मिनट से मध्यरात्रि 02 बजकर 25 मिनट के मध्य अलग-अलग समय पर यह ग्रहण दिखाई देगा। इस ग्रहण का मध्य रात्रि 11 बजकर 30 मिनट के आसपास होगा। कंकण की अधिकतम अवधि 05 मिनट 21 सैकण्ड होगी। जो उत्तरी अमेरिका के सैन एस्ट्रोनियो, कार्पस क्रिस्टी, न्यू मैक्सिको एवं दक्षिणी अमेरिका के पनामा, मेडेलिन, पोपायान, कैरोलिना, साउसा आदि में दिखाई देगा।
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री ने बताया कि भारत में यह सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी नहीं मान्य होगा। जिन स्थानों पर यह सूर्य ग्रहण दिखाई देगा उन स्थानों पर सूतक काल मान्य होगा। ग्रहण का सूतक काल ग्रहण के आरंभ होने से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। इसलिए इसका सूतक काल सुबह काल सुबह 8 बजकर 34 मिनट पर आरंभ हो जाएगा और इसकी समाप्ति ग्रहण के समाप्त होने के साथ ही होगी
सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा। यह ग्रहण मेक्सिको, ग्वाटेमाला, कोलंबिया, क्यूबा, इक्वाडोर, अमेरिका, ब्राजील और ग्रीनलैंड में दिखाई देगा।
ज्योर्तिविद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848