कोलकाता: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करोड़ों रुपये के कथित राशन वितरण घोटाले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक से मंगलवार को सारा दिन पूछताछ की है। साल्ट लेक के सीईओ कंपलेक्स में स्थित कार्यालय में उनसे लगातार पूछताछ हो रही है। बुधवार को एक अधिकारी ने बताया कि हिरासत में भी वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
उनके दोनों पीए के घर से बरामद हुई डायरी में रुपये के लेनदेन में उनका नाम लिखे होने और बकिबुर रहमान की और यह स्वीकार किए जाने पर की ज्योतिप्रिय ने हीं 13 करोड़ रुपये में तीन फर्जी कंपनियां खरीदवाई, मलिक लगातार अधिकारियों से कह रहे हैं कि वह इस बारे में कुछ नहीं जानते।
ईडी के एक अधिकारी ने बताया, “मलिक से कई सवाल पूछे गए हैं। मूल रूप से राशन वितरण भ्रष्टाचार से संबंधित हर एक सवाल के जवाब में वह कह रहे हैं कि किसी भी तरह के भ्रष्टाचार से उनका कोई संबंध नहीं है।”मंत्री ने कहा है कि वह बकिबुर रहमान को भी नहीं जानते और कौन सी डायरी बरामद हुई है अथवा उसमें उनके बारे में क्या कुछ लिखा गया है, इससे उनका कोई लेना-देना नहीं है।
मलिक ने केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों से कहा है कि कोई अगर उनके नाम पर रुपये उठाता है तो इसकी जिम्मेवारी उनकी नहीं है। राज्य के वर्तमान वन मंत्री मलिक (66) को सोमवार रात साल्ट लेक स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स में ईडी कार्यालय लाया गया। इससे पहले एक अस्पताल ने उन्हें पूरी तरह से फिट घोषित किया था और छुट्टी दे दी थी। वह 27 अक्टूबर को अदालत में गिर गए थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
अधिकारियों के पास प्रश्नों की एक सूची है, जो उनके पूर्व सहयोगियों और निजी सहायक द्वारा दिए गए जबावों के आधार पर तैयार की गई है।” उन्होंने कहा कि ईडी के दो अधिकारी मलिक से पूछताछ कर रहे हैं और उनके जवाबों को दर्ज किया जा रहा है।
अधिकारी ने कहा कि ईडी के अधिकारी 2011-21 तक राज्य के खाद्य और आपूर्ति मंत्रालय का प्रभार संभालने वाले मलिक से उनके बैंक खाते में जमा राशि और तीन कंपनियों के विवरण के बारे में भी सवाल कर रहे हैं, जिसमें उनकी पत्नी और बेटी निदेशक थीं, लेकिन वह अधिकतर सवालों के जवाब में कह रहे हैं कि उन्हें कुछ याद नहीं है।