झारखंड अवैध खनन मामला : ईडी ने जब्त किया 30 करोड़ रुपये का पानी का जहाज

रांची/ नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि झारखंड में अवैध खनन और जबरन वसूली से संबंधित मामले के संबंध में इंफ्रालिंक- 3 जहाज जब्त किया है। करीब 30 करोड़ रुपये के पानी के जहाज का कथित तौर पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी पंकज मिश्रा द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा था। एजेंसी ने कहा कि यह सुकरगढ़ घाट, साहेबगंज से बिना किसी परमिट के अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था। एजेंसी ने कहा कि मंगलवार को किए गए एक तलाशी अभियान के दौरान पोत को जब्त कर लिया गया।

अधिकारी ने कहा, राजेश यादव उर्फ दाहू यादव के कहने पर जहाज का संचालन पंकज मिश्रा और अन्य की मिलीभगत से अवैध रूप से खनन किए गए पत्थरों को ले जाने के लिए किया जा रहा था। अधिकारी ने बताया कि जहाज के मालिक के खिलाफ बंगाल फेरी एक्ट की धारा 25, 30 और आईपीसी की धारा 188, 282, 420 के तहत मुफस्सिल थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है। इसी तरह इस संबंध में 26 जुलाई को आईपीसी की धारा 379 और 414 के तहत गिरवाबाड़ी, साहेबगंज में प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी है।

अधिकारी ने कहा, “इसके अलावा, मौजा सिमरिया, साहेबगंज में बिष्णु यादव और अन्य द्वारा संचालित एक अवैध खदान की पहचान की गई है। मौजा डेम्बा, साहेबगंज में एक अन्य खदान की पहचान की गई है, जहां खनन पट्टे वाले क्षेत्र से बहुत आगे निकल गया है। अतिरिक्त अवैध खनन की मात्रा का ठहराव किया गया उपरोक्त स्थल पर लगभग 37.5 मिलियन क्यूबिक फीट का अनुमान लगाया गया है, जो अघोषित और छुपा हुआ है। खनन किए गए पत्थर के चिप्स का संसाधित मूल्य लगभग 45 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।”

ईडी की एक टीम झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जिला खनन कार्यालय, साहिबगंज, जिला वन कार्यालय, साहेबगंज और जिले के अन्य अधिकारियों के साथ संयुक्त सर्वेक्षण करने के लिए साहेबगंज जिले का दौरा कर रही है ताकि ऐसी अवैध खनन गतिविधियों के लाभार्थियों की पहचान करने और अवैध खनन गतिविधियों के माध्यम से प्राप्त आय की जांच की जा सके।

ईडी ने मिश्रा को 19 जुलाई को गिरफ्तार किया था। उन्हें 1 अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेजा गया था। ईडी ने 50 बैंक खातों में पड़ी 13.32 करोड़ रुपये की नकदी, 5.34 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी, अवैध रूप से संचालित स्टोन क्रशर और मिश्रा, यादव और उनके सहयोगियों से संबंधित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेजों की जब्ती की थी। मामले में आगे की जांच जारी है।

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