रांची। झारखंड के जामताड़ा जिले में मुस्लिम बहुल आबादी वाले इलाकों में स्थानीय लोगों के दबाव पर कई स्कूलों में साप्ताहिक अवकाश रविवार के बजाय शुक्रवार को कर दिए जाने का मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। राज्य के शिक्षा सचिव राजेश शर्मा ने कहा है कि मामला संज्ञान में आने के बाद अधिकारियों को इस संबंध में जांच करने को कहा गया है। जांच के बाद इस संबंध में आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। इधर जामताड़ा के उपायुक्त फैज अहमद ने कहा है कि उनकी जानकारी में प्रशासनिक स्तर पर स्कूलों की छुट्टी बदले जाने का कोई निर्देश प्रशासनिक स्तर पर जारी नहीं किया गया है। इस संबंध में जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
गौरतलब है कि जामताड़ा जिले में लगभग 100 से ज्यादा विद्यालय ऐसे हैं, जहां मुस्लिम बहुल आबादी के दबाव पर ग्राम शिक्षा समितियों ने रविवार के बजाय शुक्रवार को सप्ताहिक छुट्टी की व्यवस्था बहाल कर दी। सबसे हैरतअंगेज बात यह कि यह व्यवस्था पिछले एक-डेढ़ साल से चल रही है, लेकिन शिक्षा विभाग के आला अधिकारी इससे बेखबर रहे। जामताड़ा के जिला शिक्षा पदाधिकारी अभय शंकर ने इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि उन्हें किसी भी मुस्लिम बहुल इलाके में शुक्रवार को छुट्टी किए जाने की जानकारी नहीं है। ग्राम शिक्षा समितियों ने अगर ऐसी व्यवस्था लागू की है तो यह नियम के विरुद्ध है। मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार जिन स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी की जा रही है, उनमें उत्क्रमित मध्य विद्यालय चंपापुर उर्दू, पोखरिया, टोंगोडीह, राजाभीठा, नारोडीह, भगवानपुर, मंझलाडीह, उत्क्रमित उच्च विद्यालय गोखुला, उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय हरिहरपुर, चीरूडीह, बाबूडीह, जगदीशपुर, मिर्जापुर, आशाडीह, पहाड़पुर, डाभाकेंद, कोल्हरिया, बंदरचुवा, लखनूडीह, जेरुवा, टोपाटांड़, लकड़गढ़ा, आमजोरा, लंगड़ाटांड़छिट, धपको, हरिहरपुर, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बारादाहा, नवीन प्राथमिक विद्यालय हीरापुर, उर्दू उत्क्रमित मध्य विद्यालय नावाडीह, उर्दू उत्क्रमित मध्य विद्यालय अलगचुआ, उर्दू उत्क्रमित मध्य विद्यालय करमाटांड़, उत्क्रमित मध्य कुरुवा, प्राथमिक विद्यालय उपरभीठरा, प्राथमिक विद्यालय खूंटाबांध सहित लगभग 100 स्कूल शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि इन इलाकों की मुस्लिम आबादी लगभग 70 फीसदी है। उनके दबाव पर ग्राम शिक्षा समितियों ने कई स्कूलों के नाम के साथ उर्दू स्कूल जोड़ दिया है। कुछ स्कूलों में इसके बोर्ड भी लगा दिए गए हैं। इस व्यवस्था को लागू कराने वाले लोगों का तर्क है कि जब स्कूलों में 70 फीसदी मुस्लिम छात्र पढ़ते हैं, तो जुमे को होने वाली नमाज के लिए शुक्रवार को ही छुट्टी जायज है। यह मामला सामने आने के बाद दुमका के सांसद सुनील सोरेन ने कहा है कि यह व्यवस्था नियमों के विरुद्ध है। ऐसे फरमान लागू करना पूरे समाज के लिए चिंतनीय है। वह संसद में भी यह मामला उठाएंगे।