तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर। वनाधिकार ग्रामसभा मोर्चा, झाड़ग्राम जिला का द्वितीय सम्मेलन बालका सांस्कृतिक मंच, झाड़ग्राम में आयोजित किया गया। बैठक का संचालन मोर्चा के संयुक्त संयोजक चेतन बेसरा और मोंटू मुर्मू ने किया। इस बैठक में 200 से अधिक वनवासियों ने भाग लिया। सम्मेलन में पुरुलिया और पश्चिम बर्दवान जिले के विभिन्न ग्राम सभाओं के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। अध्यक्ष मंडली की ओर से झड़ेश्वर मंडी बैठक का संचालन किया। बैठक में झाड़ग्राम जिला परिक्षेत्र कार्यालय से वन विभाग के गोपाल कुमार चंद्र घोष ने भाग लिया।
बैठक की ओर से अनुसूचित जनजाति एवं अन्य वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 को लागू करने की मांग को लेकर जिला प्रशासन को प्रार्थना पत्र दिया गया है। खासकर उन ग्रामीणों को, जिन्होंने पहले ही ग्राम सभा बनाने की पहल की है और ग्राम सभाओं के माध्यम से कानूनी दावे प्रस्तुत किए हैं, उनके नुकसान के लिए तुरंत मान्यता देने की मांग की गई। इस बैठक में सुपाई मुर्मू, नयाग्राम प्रखंड की मालम ग्राम पंचायत के उप प्रधान, तुषार दास, वन अधिकार आंदोलन के शोधकर्ता, एक्शन एड कोलकाता के क्षेत्रीय प्रबंधक सुरजीत नियोगी और बालका सांस्कृतिक मंच के सचिव नवेन्दु होता ने कानून लागू करने के पक्ष में वक्तव्य रखा।
प्रखंडों की विभिन्न ग्राम सभाओं के प्रतिनिधियों ने बात की गई। वक्ताओं ने विस्तार से चर्चा की कि गांव के वन संसाधनों का रखरखाव कैसे किया जाए, जैव विविधता की रक्षा कैसे की जाए, जल संसाधनों का उपयोग कैसे किया जाए, आजीविका के विकास के लिए वन अधिकारों की मान्यता क्यों आवश्यक है। सभा को इंदुसुधा भक्ता, सुपाई मुर्मू, हंसी सरीन, निशित मुंडा, शशांक देव, नकुल बस्के, दिलीप सोरेन और झरना आचार्य ने भी संबोधित किया। वकील शांतनु चक्रवर्ती ने वन अधिकार अधिनियम और एलीफेंट कॉरिडोर से जुड़े अहम मुद्दों के बारे में बताया। इस अवसर पर चेतन बेसरा और मोंटू मुर्मू को मोर्चा के भावी कार्यों की जिम्मेदारी संभालने के लिए संयोजक के रूप में चुना गया।