जलपाईगुड़ी: कहावत है कि जलपाईगुड़ी के महाराज के मेले में शंखा पोला पहनने पर पति को लंबी आयु प्राप्त होती है। जलपाईगुड़ी सदर ब्लॉक के रांगधामाली के सरदार पाड़ा में गुरुवार सुबह से पूजा के साथ शुरू हुआ मेला स्थानीय रीति-रिवाज के अनुसार 3 दिनों तक चलेगा। महाराज के मेले के नाम से मशहूर इस मेले का मुख्य आकर्षण गृहणियों द्वारा नया शंखा व पोला पहनने की परंपरा है। एक ओर जहां मां दुर्गा, काली सहित जया विजया की पूजा की जाती है।
वैसे ही गांव के मैदान में लगता है विशाल मेला, जिसमें गृहणियां नया शंखा व पोला पहनती हैं। इस संदर्भ में, गृहिणी पिंकी रॉय ने पूजा के बाद नई शंखा पहनी, हालांकि वह यह नहीं बता सकते कि यह पूजा और मेला कितने वर्षों से चल रहा है। महाराज और जया विजया का यह मेला बहुत पुराना है।
एक अन्य भक्त गार्गी रॉय ने कहा, मैं पास गांव में अपने ससुर के घर पर पूजा करने आई थी, और मैं उसके साथ एक नई शंखा अवश्य पहनी है। मेला समिति के कोषाध्यक्ष विनय कुमार रॉय ने कहा कि यह वर्ष महाराज के मेले का 142वां वर्ष है, खासकर इस क्षेत्र की गृहिणियों का मानना है कि महाराज के मेले की शंखा हाथ में पहनने से पति को स्वस्थ और लंबी आयु मिलती है।