जलगांव। महाराष्ट्र के जलगांव में सोमवार शाम हुए हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई और 10 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह एक चायवाले ने फैलाई, जिससे ट्रेन में भगदड़ मच गई। घबराहट में कुछ यात्री चलती ट्रेन से कूद गए, जबकि अन्य ने चेन पुलिंग की।
अफवाह के चलते यात्री ट्रेन से उतरकर दूसरी पटरी पर आ गए।
इसी दौरान कर्नाटक एक्सप्रेस ने वहां से गुजरते हुए कई लोगों को कुचल दिया। 13 मृतकों में से 10 की पहचान हो चुकी है, जिनमें 3 नेपाल के हैं। 10 यात्री गंभीर रूप से घायल हैं।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को दिए बयान में कहा-मृतकों के परिजनों को ₹1.5 लाख, गंभीर घायलों को ₹50,000 और मामूली घायलों को ₹5,000 का मुआवजा देंगे।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, पुष्पक एक्सप्रेस के कोच में ‘ब्रेक-बाइंडिंग’ के कारण चिनगारी उठी थी, जिसे कुछ यात्रियों ने आग समझ लिया। अफवाह और घबराहट ने हादसे को और बढ़ा दिया।
मुंबई के साबिर और लखनऊ के राजीव शर्मा ने बताया, “लोग आग-आग चिल्लाते हुए भागे। अफरा-तफरी के बीच कई यात्री ट्रैक पर आ गए। हादसे के बाद हर तरफ खून और लाशें बिखरी थीं।”
यह घटना अफवाहों से उपजने वाले खतरों और आपदा प्रबंधन में सुधार की जरूरत पर जोर देती है। रेलवे को ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए जागरूकता और बेहतर सुरक्षा उपाय लागू करने की आवश्यकता है।
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