मॉस्को। भारतीय विदेश मंत्री डॉ.एस जयशंकर मंगलवार को यहां रूस विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ व्यापार, निवेश, परिवहन, रसद के साथ-साथ ऊर्जा क्षेत्र में संभावित परियोजनाओं, विशेष रूप से रूस के सुदूर पूर्व आर्कटिक शेल्फ पर ध्यान केंद्रित करने को लेकर चर्चा करेंगे। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत के साथ सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय प्रारूप और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर राजनीतिक संवाद को और गहन करना, आर्थिक, वित्तीय, ऊर्जा, सैन्य-तकनीकी, मानवीय, वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना है।
मंत्रालय ने बताया कि दोनों विदेश मंत्री प्रमुख क्षेत्रों में संयुक्त कार्य को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। साथ ही आगामी संपर्कों की अनुसूची पर नोट्स की तुलना करेंगे। रूसी विदेश मंत्रालय के अनुसार आपसी समझौते में राष्ट्रीय मुद्राओं के इस्तेमाल का मुद्दा भी चर्चा के दौरान उठाया जाएगा। बातचीत के दौरान दोनों मंत्री संयुक्त राष्ट्र, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ), जी20 और रूस-भारत-चीन (आरआईसी) के बीच बातचीत पर जोर देने के साथ मौजूदा अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।
साथ ही दोनों नेता एससीओ में भारत की अध्यक्षता, आतंकवाद से लड़ने के प्रयासों के साथ-साथ कई क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे, जिसमें एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा वास्तुकला का गठन, ईरानी परमाणु समस्या के आसपास, अफगानिस्तान, सीरिया और यूक्रेन की स्थिति पर भी चर्चा करेंगे। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारा उद्देश्य एक एकीकृत एजेंडा को बढ़ावा देना और अंतरराज्यीय संबंधों के क्षेत्र में एक रचनात्मक संवाद का निर्माण करना है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर की यात्रा दोनों पक्षों के बीच नियमित उच्च स्तरीय वार्ता के क्रम में है।
डॉ. जयशंकर ने आखिरी बार जुलाई 2021 में रूस का दौरा किया था और उसके बाद इस साल अप्रैल में रूसी विदेश मंत्री ने भारत की यात्रा की थी।