तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा के बयान से जैन समाज नाराज

कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की जैन समाज पर की गई एक टिप्पणी के बाद जैन समाज ने नाराज़ग  जताई है। कोलकाता में समाज ने इसकी तीखी निंदा करते हुए कहा कि महुआ माफी मांगते हुए अपने शब्दों को वापस लेें। जैन समुदाय के कई लोगों ने ट्विटर पर मांग करते हुए लिखा कि महुआ अपने आपत्तिजनक बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगे। श्रीदिगम्बर जैन मुनिसंघ व्यवस्था समिति के सुरक्षा मंत्री सुरेंद्र कुमार जैन, पश्चिम बंगाल अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य टैक्स सलाहकार नारायण जैन आदि ने महुआ की टिप्पणी की कड़ी निंदा की।

इनका कहना है कि महुआ की टिप्पणी अत्यंत आपत्तिजनक है। लोकसभाध्यक्ष को टिप्पणी को लोकसभा की कार्यवाही से हटा देना चाहिए और सांसद के खिलाफ उचित कार्रवाई भी करनी चाहिए। समाजजनों ने पत्रिका से इस मसले पर बातचीत में कहा कि जैन धर्म को मानने वाले सम्पूर्णतया शाकाहारी होते हैं। जैन धर्म का मूल सिद्धांत है अहिंसा परमो धर्म तथा जीयो और जीने दो।

यहां तक कि जैन धर्मावलंबी सूक्ष्म जीवों की सुरक्षा के लिए पानी भी छान कर पीते हैं। प्रत्येक धर्म में कुछ लोग अपवाद होते है लेकिन उस पर भरी संसद में टिप्पणी करना सर्वथा अनुचित निन्दनीय है। महुआ अपने इस कथन के लिए क्षमा मांगते हुए अपने शब्दों को वापस लेें। उन्होंने कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी समाजजनों का निवेदन है कि वे महुआ से इस प्रकार की टिप्पणी के लिए क्षमा याचना कराएं ताकि जैन धर्मावलम्बियों को जो आघात पहुंचा है उसकी क्षतिपूर्ति हो सके।

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