क्या नारी की स्वतंत्रता सिर्फ अर्धनग्न कपड़े पहनने से ही है? नारी स्वतंत्रता के नाम पर अर्धनग्न कपड़े पहनने को जायज ठहराने वालों, अगर आपके सामने भी सार्वजनिक रूप से ऐसे ही कोई लड़का या पुरूष अर्धनग्न कपड़ों में घूमता हुआ दिखे तब भी आपकी प्रतिक्रिया ऐसी ही होगी कि ये व्यक्तिगत आजादी है?
व्यक्तिगत आजादी के नाम पर आखिर कब तक इस तरह की नंगई को समाज बर्दाश्त करता रहेगा?
अर्धनग्न कपड़ों से ही नारी स्वतंत्रता के हिमायती लोगों को निम्न प्रसंग को जरूर पढ़ना और सोचना चाहिए।
नारियों की स्वतंत्रता पर मंच से एक अत्याधुनिक युवती माइक पर पुरुष समाज को लगातार कोसे जा रही थी..! उसी पुराने राग में…. कम और छोटे कपड़ों को जायज और कुछ भी पहनने की स्वतंत्रता का बचाव करते हुए, पुरुषों की गन्दी सोच और खोटी नीयत का दोष बतला रही थी.!!
युवती का वक्तव्य खत्म होने के बाद अचानक सभा स्थल से एक सभ्य, शालीन और आकर्षक से दिखते नवयुवक ने खड़े होकर अपने भी विचार व्यक्त करने की अनुमति मांगी। आयोजकों ने स्वीकृति देते हुए माइक उसके हाथों मे दे दिया।
नवयुवक ने बोलना शुरु किया, “माताओं, बहनों और भाई-बंधुओं, मैं आप सबको नही जानता और आप सब भी मुझे नहीं जानते कि मैं कैसा इंसान हूं, परंतु पहनावे और शक्लोसूरत से मैं आपको कैसा लगता हूँ शरीफ या फिर बदमाश?
सभास्थल से कई आवाजें गूंज उठीं, पहनावे और बातचीत से तो आप शरीफ लग रहे हैं।
बस यही सुनकर अचानक ही युवक ने अजीबोगरीब हरकत कर डाली। सिर्फ अपनी अंडरवियर छोड़ कर बाकी के सारे कपड़े मंच पर ही उतार दिये।
यह देख कर सभा में बैठे लोग आक्रोशित हो गए और युवक को भलाबुरा कहने के साथ मारने को भी उतारू हो गए। कहने लगे कि गुंडा है, बदमाश है, बेशर्म है, शर्म नाम की चीज नहीं है इसके पास, मां-बहन का लिहाज नहीं है इसको, नीच इंसान है, इसे छोड़ना नहीं है मारो इसे, इत्यादि, इत्यादि।
इन आक्रोशित शोर को सुनकर अचानक वह नवयुवक माइक पर गरज उठा, “रुको… पहले मेरी बात सुन लो, फिर जी मर्जी में आये कर लेना!
अभी अभी तो ये बहन जी कम कपड़े, तंग और बदन की नुमाइश करने वाली छोटे और तंग कपड़ों के पक्ष के साथ नारी स्वतंत्रता की दुहाई देकर गुहार लगाकर “नीयत और सोच में खोट” को बतला रही थी और आप सब भी तालियां बजाकर अपनी सहमति जता रहे थे, तो फिर मैंने क्या किया है..?
सिर्फ कपड़ों की स्वतंत्रता ही तो दिखलायी है..!
“नीयत और सोच” की खोट तो नहीं ना? मैने तो, आप लोगों को मां, बहन और भाई भी कहकर संबोधित किया था। फिर मेरे अर्द्धनग्न होते ही आप में से किसी को भी मुझमें “भाई या बेटा” क्यों नजर नहीं आया..??
मेरी नीयत में आप लोगों को खोट कैसे नजर आ गया..??
मुझमें आपको सिर्फ “मर्द” ही क्यों नजर आया? भाई, बेटा, दोस्त क्यों नहीं नजर आया? आप में से तो किसी की “सोच और नीयत” भी खोटी नहीं थी, फिर ऐसा क्यों?”
सच तो यही है कि झूठ बोलते हैं लोग कि वेशभूषा और पहनावे से कोई फर्क नहीं पड़ता है। जबकि हकीकत तो यही है कि यह मानवीय स्वभाव है कि किसी को भी सरेआम बिना “आवरण” के देख लें तो कामुकता स्वतः जागती है मन में, कारण हम साधारण लोग हैं, जितेंद्रिय नहीं हैं कि हमने अपनी इंद्रियों को वश में कर रखा है।
रस, रूप, शब्द, गन्ध और स्पर्श ये बहुत प्रभावशाली कारक हैं इनके प्रभाव से ‘विश्वामित्र’ जैसे महामुनि के मस्तिष्क में विकार पैदा हो गया था, जबकि उन्होंने सिर्फ रूप कारक के दर्शन किये थे तब साधारण मनुष्यों की क्या विसात..??
दुर्गा शप्तशती के देवी कवच में श्लोक 38 में भगवती से इन्हीं कारकों से रक्षा करने की प्रार्थना की गई है।
रसे रूपे च गन्धे च शब्दे स्पर्शे च योगिनी।
सत्वं रजस्तमश्चैव रक्षेन्नारायणी सदा॥38॥
अर्थात रस, रूप, गन्ध, शब्द और स्पर्श इन विषयों का अनुभव करते समय योगिनी देवी रक्षा करे तथा सत्त्वगुण, रजोगुण और तमोगुण की रक्षा सदा नारायणी देवी करे।
अब बताइए अगर भारतीय खासकर हिन्दु महिलाओं को “सनातनी संस्कार” में रहने को समझाया जाए तो स्त्रियों की किस “स्वतंत्रता” का हरण हो रहा है..??
जबकि आज भारत में सोशल मीडिया पर अर्ध-नग्न होकर नाचती ज्यादातर कन्याएँ-महिलाएँ…हिंदू हैं।
आँखे खोलिये, संभालिए अपने आप को और अपने समाज को, क्योंकि भारतीय समाज और संस्कृति का आधार नारीशक्ति है और धर्म विरोधी, अधर्मी, चांडाल ये हमारे सनातन समाज के आधार को तोड़ने का षड्यंत्र कर रहे हैं..!!
अतः व्यक्तिगत स्वतंत्रता के नाम पर अर्धनग्न कपड़े पहन कर घूमना जहाँ सही नहीं है, वहीं दूसरी ओर पूरी तरह से घूँघट में रहने को भी जायज नही ठहराया जा सकता है। मैं या मेरे जैसी विचारधारा के लोग आधुनिकता के विरोधी नहीं हैं, हम चिर पुरातन नित्य नूतन वाले लोग हैं। पर जो कौम या संस्कृति अपने पतन को ही आधुनिकता समझने लगे वो लम्बे समय तक अपना वजूद बनाये नही रख सकती है।
(नोट : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी व व्यक्तिगत है। इस आलेख में दी गई सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई है।)