विनय कुमार शुक्ल, कोलकाता : CDS विपिन जी रावत के हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु की खबर सुनकर सारा देश हतप्रभ है। भारत के लिये उनका जाना एक अपूर्णीय क्षति भी है।शोकाकुल देश के नागरिकों के मन मे इस दुर्घटना को लेकर विविध भ्रांतियाँ और शक भी पैदा हो रहे हैं। इस संबंध में सोशल मीडिया के विभिन्न धाराओं से विविध प्रकार की बातें भी निकल कर आ रही हैं। लोग कई प्रकार के कयास भी लगा रहे हैं। जिनमें सबसे अधिक जो कयास लग रहे हैं उनके शक की सुई चीन-पाकिस्तान की ओर घूम रही है। सोशल मंचों के एक ऐसे ही संदेश ने इस दुर्घटना के षड्यंत्र (कांस्पिरेसी थ्योति) की ओर मेरा ध्यान सहज ही खींच लिया।
1. उस संदेश के अनुसार जिस हेलीकॉप्टर में रावत जी सवार थे वैसे ही हेलीकॉप्टर में प्रधानमंत्री भी यात्रा करते हैं, अर्थात उसे पूर्णतः सुरक्षित माना जाता है उसके दुर्घटनाग्रस्त होने की बात कुछ सहज नहीं लगती। उस संदेश के अनुसार यह बताया जाता है कि हेलीकॉप्टर पेड़ से टकराया था तथा जिस ऊँचाई पर वह टकराया वह जमीन से अधिक दूरी नहीं थी। फिर उसमें सीडीएस के अलावा जांबाज कमांडों भी थे। हेलीकॉप्टर के टकराते ही उसके गिरने और जलने की आशंका तो सबको हो ही वे होगी। ऐसे स्थिति में बिना पल गँवाये वे कमांडों समस्त यात्रियों के साथ घरती पर छलांग लगा सकते थे। हालांकि यह समझदारी भर कदम तो नही होता क्योंकि टूटने-फूटने की आशंका तो वहाँ भी रहती है पर यह है कि इस निश्चित मौत से तो कम ही होती। कयास लगाने वालों का कहना है कि इससे कुछ लोग तो बच गए होते पर कोई नहीं बचा। शक की पहली सुई इस बिंदु पर जाकर रुक जाती है।
2. दूसरे लोग इसे सन 2020 के ताइवान के जनरल की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत के किस्से से जोड़ रहे हैं।उनका मानना है कि ताइवान के सेनाध्यक्ष ने चीन के खिलाफ टिप्पणी की थी उसके अगले दिन उनकी मौत हो गई। विपिन जी रावत ने भी चीन के खिलाफ टिप्पणी की थी और अगले दिन उनका भी विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। मोटिव और सीक्वेंस एक सा लगा। यह दूसरी थ्योरी लगी।
इस षड्यंत्र की अन्य थ्योरियाँ भी कुछ कम नहीं हैं :
3. समाचारों के अनुसार विमान (चॉपर) का राडार/रेडियो सिग्नल जब वायुसेना के टॉवर से नजदीकी एटीसी से जुड़ा उसके कुछ मिनटों में हादसा हो गया। एटीसी की मानें तो अमूमन जब क्रैश होता है तो पायलट में डे (दुर्घटना या आपात स्थिति की जानकारी) का घोष करता है ताकि एटीसी बचाव की समुचित कार्रवाई कर सके पर पायलट ने ऐसा नहीं किया। यह जाँच का विषय है जो जहाज के काले डिब्बे(ब्लैक बॉक्स) से पता चलेगा।
4. जहाज असैनिक क्षेत्र के ऊपर से।गुजर रही थी हो सकता है उसपर किसी ड्रोन या फिर हैंड हेल्ड मिसाइल से हमला किया गया हो। (इसकी जानकारी जाँच के बाद ही आएगी)।
हो सकता है कि धीरे-धीरे कुछ और भी बिंदु मिले जो कहीं न कहीं किसी न किसी षड्यंत्र की ओर इशारा करें। चूंकि मामला भारत की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है अतः सुरक्षा एजेंसियाँ इस एंगल से भी सोच ही रही होंगी और यदि यह थ्योरी सही पाई गई तब तो फिर प्रधानमंत्री जैसे उच्च पद वालों के लिये यह खतरे की घंटी होगी।
(नोट : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी व व्यक्तिगत है। इस आलेख में दी गई सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई है।)