काली दास पाण्डेय, मुंबई । रहेजा क्लासिक क्लब, अंधेरी (पश्चिम), मुंबई में आयोजित एक शानदार समारोह में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सॉल्यूशंस (यूएसए) के संस्थापक/अध्यक्ष अरुण गांधी और कल्पना गांधी ने संयुक्तरूप से अपनी संस्था को भारत में भी विस्तार देने की घोषणा की। पद्मश्री डॉ. सोमा घोष इस समारोह की विशिष्ट अतिथि थीं। संगीतकार दिलीप सेन, अरविंदर सिंह, एक्टर करण आनंद, अभिनेता बॉबी वत्स, अभिनेत्री मिनी बंसल, अनुपम शुक्ला, अमिताभ सिन्हा डायरेक्टर व फ़िल्म मेकर, अभिनेत्री पीहू चौहान और कॉमेडियन सुनील पाल भी खास अतिथि के रूप में यहां उपस्थित रहे। अभिनेत्री दलजीत कौर ने बखूबी मंच संचालन किया।
इस खास प्रोग्राम में डॉ. विरल गांधी (voxtur), डॉ. संतोष पाण्डेय (नेचेरुपैथ और ऑक्युपंचुरिस्ट), श्रीराम सिंह (न्यू एज फार्मर व इन्वेस्टमेंट बैंकर), डॉ. नागार्जुन वासुदेव राव (पीएचडी,जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बॉयोटेक्नोलॉजी इंटरनेशनल एक्सचेंज प्रोग्राम एग्रीकल्चर), जैनेंद्र बक्शी (फ़िल्म मेकर लेखक व सोशल एक्टिविस्ट), एसएमएम ऑसजा (लेखक इतिहासकार), प्रोफेसर डॉ. विजय जाधव, मेराज एल खान (डेरी प्रोडक्ट्स), सिद्धार्थ शिरोडकर (एमडी, अलविदा), डॉ. एमआर नारायण राव (प्रिवेंटिव कार्डियोलोजिस्ट व डिटॉक्स एक्सपर्ट) को इस समारोह में सम्मानित भी किया गया। इस समारोह को सफल बनाने में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सॉल्यूशंस (यूएसए) के इंडिया को-ऑर्डिनेटर डॉ विजय प्रताप कुशवाहा (चेयरमैन आयुर्वेदा हेल्थकेयर) का काफी योगदान रहा।
विदित हो कि अधिकतर गैर-लाभकारी संगठन डोनेशन पर बेस्ड संगठन के रूप में काम करते हैं। लेकिन इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सॉल्यूशंस (IIS), अलग ढंग से काम करके एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है जो इसे अन्य गैर-लाभकारी संगठनों से एकदम जुदा करता है। यह संगठन तमाम तरह की मुश्किलें हल करने के लिए समर्पित है ताकि इसका असर पीढ़ियों तक हो जो मानव जाति की भलाई का काम करे। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सॉल्यूशंस (यूएसए) के संस्थापक अरुण गांधी ने अपने व्यक्तव्य के दौरान भारत में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सॉल्यूशंस के नए प्रोजेक्ट को जनहित में भारत की धरती पर क्रियान्वित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि अपनी स्थापना के साथ हमारी संस्था का एक ही बुनियादी लक्ष्य रहा है… दुनिया को बदलें।
लेकिन, ये संगठन अब भारत के लोगों की जिंदगी में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने के उद्देश्य से अपने परिवर्तनकारी समाधान देश में लेकर आया है। अगर देखा जाय तो भारत ही नहीं दुनिया भर में पर्यावरणीय समस्या की वजह से पानी और मिट्टी को जो नुकसान पहुंचा है, इसने छोटे किसानों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सॉल्यूशंस द्वारा प्रदान किए गए हाइड्रोपोनिक उपकरणों के साथ भारत में उच्च मूल्य वाली सब्जियां और फल उगाने के लिए 100 निर्वाह किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए एक पहल शुरू करेगा, साथ ही एक वर्ष के लिए मासिक आय का भुगतान करेगा और उनके परिवारों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में सपोर्ट करेगा। साथ ही इन 100 परिवारों को एक साल तक कोई वित्तीय चिंता नहीं होगी। साथ ही किसानों के लिए वितरण का प्रबंधन भी करेगा, उन्हें उगाने और बेचने के अलावा कोई चिंता नहीं होगी।
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सॉल्यूशंस की एक अन्य महत्वपूर्ण परियोजना परासिया प्रोजेक्ट है, जो एक निगम के रूप में पंजीकृत है। यह संस्था उच्च क्षमता वाले सप्लीमेंट्स, जैविक और स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ बाजार के अनुकूल, आयुर्वेद और होम्योपैथिक दवाओं और साहित्य के साथ-साथ योग, श्वास और मालिश सेवाओं को मोबाइल वैन के माध्यम से निर्धारित स्थानों पर उपलब्ध कराएगी। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सॉल्यूशंस की योजनाएँ इन शुरुआती पहलों तक ही सीमित नहीं हैं। संगठन का मानना है कि हमारे मेहनती किसानों, शिल्पकारों और पारंपरिक प्रतिभाओं के पास ऐसे समाधान हैं जिनकी दुनिया को जरूरत है। इसलिए हमारी संस्था उन मुद्दों के लिए नैतिक, पर्यावरण-अनुकूल समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिनका सामना अभी दुनिया कर रही है।