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अंतरिम बजट 1 फरवरी 2024 में लोकसभा चुनाव 2024 के दबाव का अंश, प्रभाव नहीं देखने को मिला इसको रेखांकित करना जरूरी
अंतरिम बजट 1 फरवरी 2024 एक ट्रेलर दिखा- संभावित जुलाई 2024 में पेश होने वाला पूर्ण बजट विकसित भारत 2047 के रोडमैप का एक भाग होगा-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया
किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर भारत पूरी दुनियां में तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में विख्यात हो चुका है, जिसने ब्रिटेन को पछाड़कर पूरी दुनियां की पांचवी अर्थव्यवस्था बन चुकी है, अब दुनियां की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से अग्रसर हो रही है और भारत अपना विजन बन चुका है कि 2047 के पूर्व दुनियां की नंबर वन अर्थव्यवस्था बनाना है। अर्थव्यवस्था नंबर वन बनना, याने विकसित भारत का पर्याय माना जाता है और अर्थव्यवस्था का नंबर वन बनने के लिए सबसे सटीक आधार हमारा वार्षिक बजट है जिसके आधार पर पूरी आर्थिक व्यवस्था का रोडमैप दर्ज होता है। चूंकि आज 1 फरवरी 2024 को माननीय केंद्रीय वित्तमंत्री द्वारा अंतरिम बजट पेश किया गया है, इसलिए कि लोकसभा चुनाव संभावित तौर पर अप्रैल 2024 में हो सकते हैं और 17वीं लोकसभा का यह आखिरी बजट है, इसलिए ही अंतरिम बजट पेश किया गया है। फिर पूर्ण बजट संभावित जुलाई 2024 में लाया जा सकता है। फिक्की के एक कार्यक्रम में माननीय केंद्रीय मंत्री पहले ही इशारा दे चुकी है कि यहअंतरिम बजट है, इसलिए इस पर अधिक उम्मीदें नहीं लगाना चाहिए। यह लेखा-जोखा का चार माह का हिसाब किताब तैयार करना है और कुछ जरूरी संशोधनों को लाना है, फिर जुलाई 2024 में पूरी तरह से विचार विमर्श कर अनेक स्कीमों सुविधाओं को सम्मिलित करने के लिए अनेक योजनाओ की घोषणा और स्कीम सम्मिलित की गई है उनके कहने का सटीक परिणाम हमने आज देख लिया है। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे अंतरिम बजट 1 फरवरी 2024 में लोकसभा चुनाव 2024 के दबाव का अंश का प्रभाव नहीं दिखनें को रेखांकित करना जरूरी है।
साथियों बात अगर हम 1 फरवरी 2024 को घोषित बजट की मुख्य बातों की करें तो, वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट में हमारा 4 जातियों पर फोकस है। उन्होंने कहा कि महिला, गरीब, युवा और किसान ही हमारे फोकस में हैं। सरकार ने इस बार आयकर दाताओं को कोई राहत नहीं दी है। वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं होगा। सरकार ने मिडिल क्लास के लिए बड़ा एलान किया है 10 साल पुराना 10 हज़ार रुपए तक का टैक्स माफ होगा। 3 करोड़ और महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का ऐलान। 40 हज़ार रेल बोगी वंदे भारत बोगी में बदलने का ऐलान। रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफार्म की बातें की गई। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार जल्द ही हाउसिंग प्लान लाने की तैयारी में है, जिससे सभी को सस्ता घर मिलेगा। देश में हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी होकर 149 हो गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि देश में 1000 से ज्यादा नए एयरक्राफ्ट का ऑर्डर दिया गया है। सरकार के राज में उद्योगों में महिलाओं की सहभागिता बढ़ी है। वित्त मंत्री ने कहा कि महिलाओं की उद्यमशीलता में 28 प्रतिशत का उछाल आया है। सरकार 3 करोड़ मकानों के लक्ष्य के करीब है और अगले 5 सालों में दो करोड़ अतिरिक्त मकानों का निर्माण कार्य शुरू कर रहे हैं।
2025 में बुनियादी ढांचे के लिए बजट बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, लक्षद्वीप सहित हमारे द्वीपों पर पोर्ट कनेक्टिविटी, टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर और फैसिलिटी के लिए परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए राज्यों में कई सुधारों की आवश्यकता है। इन सुधारों में मदद करने के लिए इस वर्ष 50-वर्षीय ब्याज-मुक्त ऋण के रूप में 75,000 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित। देश में तीन प्रमुख रेलवे इकोनॉमिक कॉरिडोर प्रोग्राम लागू किए जाएंगे। ये हैं एनर्जी, मिनरल और सीमेंट कॉरिडोर; पोर्ट कनेक्टिविटी कॉरिडोर और हाई ट्रैफिक डेंसिटी कॉरिडोर। मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को सक्षम करने के लिए पीएम गति शक्ति के तहत परियोजनाओं की पहचान की गई है। ये रेलवे इकोनॉमिक कॉरिडोर लॉजिस्टिक्स एफिशिएंसी में सुधार करेंगे और लागत कम करेंगे। कृषि क्षेत्र की और वृद्धि के लिए, सरकार फसल कटाई के बाद की गतिविधियों में सार्वजनिक और निजी निवेश को और बढ़ावा देगी। रक्षा उद्देश्यों के लिए डीप-टेक प्रौद्योगिकियों को मजबूत करने और आत्मनिर्भरता में तेजी लाने के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी। हमारी सरकार विभिन्न विभागों के तहत मौजूदा अस्पतालों के बुनियादी ढांचे का उपयोग करके अधिक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की योजना बना रही है, इस उद्देश्य के लिए एक समिति गठित की जाएगी।
साथियों बात अगर हम अंतरिम बजट 2024 से आम जनता को जो उम्मीदें थी उसकी करें तो, 2024 के अंतरिम बजट में भी सरकार लुभावने ऐलान कर सकती थीं। ऐसा मानने की कई वजहे हैं जिनमें सबसे बड़ी है तेज आर्थिक रफ्तार जिसने सरकार की खर्च करने की गुंजाइश बढ़ा दी है। दूसरा है- सरकार का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन जो 2023-24 में बजट अनुमान से 1 लाख करोड़ ज्यादा रह सकता है। इसीलिए ही आम जनता को कुछ सुविधाओं की उम्मीद थी, जो इस प्रकार हैं। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को विशेष रूप से 75 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए योगदान और निकासी पर कर रियायतें बढ़ाकर और अधिक आकर्षक बनाने की उम्मीद थी। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली और कर्मचारी भविष्य निधि में कर समानता सरकार दोनों योजनाओं में नियोक्ताओं के योगदान पर समान कर की घोषणा कर सकती थीं। कृषि ऋण लक्ष्य वृद्धि सरकार खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और प्रत्येक पात्र किसान को संस्थागत ऋण तक पहुँच प्रदान करने के लिए अगले वित्तीय वर्ष में कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 22-25 लाख करोड़ तक की पर्याप्त वृद्धि की घोषणा कर सकती थीं। पीएलआई योजना विस्तार सरकार विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहित और रोजगार सृजित करने के लिए पीएलआई योजना के दायरे में परिधान, आभूषण और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों को शामिल कर सकती थी। निजी निवेश को प्रोत्साहन; निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार 15 प्रतिशत कॉर्पोरेट कर की दर को नये विनिर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए एक साल बढ़ाकर 31 मार्च, 2025 तक बढ़ा सकती थीं।
साथियों बात अगर हम केंद्रीय वित्त मंत्री के इस छठवें बजट पेश करने के रिकॉर्ड की तुलना अन्य वित्तमंत्रियों से करें तो, वित्त मंत्री एक फरवरी को लगातार छठा बजट पेश किया है। इसके साथ ही उनके नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हुए। वह लगातार पांच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश करने के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम दर्ज रेकॉर्ड की बराबरी की। निर्मला सीतारमण पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं, जो जुलाई 2019 से पांच पूर्ण बजट पेश कर चुकी हैं। अब आज अंतरिम बजट पेश की। पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने सर्वाधिक 10 बार बजट पेश किए। यह किसी वित्त मंत्री द्वारा पेश सर्वाधिक बजट है। लेकिन देसाई ने अंतरिम बजट समेत लगातार छह बार बजट पेश किए थे केंद्रीय वित्त मंत्री एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया और उसके साथ, मनमोहन सिंह, अरुण जेटली, पी. चिदंबरम और यशवंत सिन्हा जैसे पूर्व वित्त मंत्रियों के रेकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया। इन नेताओं लगातार पांच बजट पेश किए थे। वित्त मंत्री के रूप में देसाई ने 1959-1964 के बीच पांच सालाना बजट और एक अंतरिम बजट पेश किए थे। एक फरवरी को वित्त वर्ष 2024-25 का पेश होने वाला अंतरिम बजट लेखानुदान होगा। यह सरकार को अप्रैल-मई के आम चुनावों के बाद नई सरकार आने तक कुछ निश्चित मदों में खर्च करने का अधिकार देगा।
साथियों बात अगर हम दो दिन पूर्व आईएमएफ द्वारा जारी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक पर फ्रेश रिपोर्ट की करें तो फ्रेश रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर 2024 में 3.1 फीसदी और 2025 में 3.2 फीसदी रह सकती है। इस रिपोर्ट के अनुसार भारत इकोनॉमिक ग्रोथ के मामले में बड़े देशों की तुलना में काफी तेजी से विकास कर रहा है। वहीं, चीन में इकोनॉमी ग्रोथ लगातार घट रही है।इसके अलावा अमेरिका के सामने कई तरह की चिंताएं खड़ी है। जिसका असर अमेरिका के इकोनॉमी पर देखने को मिल रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका की विकास दर 2.1 फीसदी, जर्मनी की विकास दर 0.5 फीसदी, फ्रांस की विकास दर 1 फीसदी, जापान की विकास दर 0.9 फीसदी और चीन की विकास दर 4.6 फीसदी रहेगी। वैश्विक मौद्रिक संगठन के अनुसार भारत की जीडीपी 2024 और 2025 में 6.5 फीसदी रहने की उम्मीद है। यह अक्टूबर 2023 में जताए गए अनुमान से 0.2 फीसदी ज्यादा है। इस बीच वित्त मंत्रालय ने अपनी मासिक समीक्षा रिपोर्ट में कहा कि इस अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था लगभग 7 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। घरेलू मांग की मजबूती ने पिछले तीन वर्षों में अर्थव्यवस्था को 7 प्रतिशत से अधिक की विकास दर तक पहुंचा दिया है। भारत की अर्थव्यवस्था 2022-23 में 7.2 प्रतिशत और 2021-22 में 8.7 प्रतिशत बढ़ी। भारतीय अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष 2023-24 में 7.3 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है और यह सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी रहेगी।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि अंतरिम बजट 1 फरवरी 2024-देश की अर्थव्यवस्था के सुचारू संचालन में भरोसेमंद साबित होगा। अंतरिम बजट 1 फरवरी 2024 में लोकसभा चुनाव 2024 के दबाव का अंश प्रभाव नहीं देखने को मिला, इसको रेखांकित करना जरूरी। अंतरिम बजट 1 फरवरी 2024 एक ट्रेलर दिखा- संभावित जुलाई 2024 में पेश होने वाला पूर्ण बजट विकसित भारत 2047 के रोडमैप का एक भाग होगा।
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