कोलकाता, 21 अक्टूबर, 2021: हम उसे वनस्पति कहते हैं, वहीं वैज्ञानिक-सोच रखने वाले इसे हाइड्रोजेनेटेड वेजिटेबल ऑयल के नाम से जानते हैं। 1930 से ही यह किचन का हमारा भरोसेमंद साथी है, जहाँ पुरानी पीढ़ियाँ इसके स्वाद, गाढ़ेपन और किफायती कीमत पर अच्छे दाम की कायल थी। 1980 के अंत में अनहेल्दी फैट्स की तरफ ध्यान दिलाया गया और एक दशक से भी कम समय में, ट्रांस फैट (टीएफए) हानिकारक पाया गया। उसके बाद से ही वनस्पति इंडस्ट्री टीएफए को कम करने की दिशा में लगातार काम कर रही है। बदलाव के इस अभियान में शान से अगुवाई करने वाला डालडा वनस्पति, भारत में वनस्पति का पर्याय ब्रांड है।
डालडा वनस्पति देश के सबसे पुराने, सबसे मजबूत और सबसे प्रतिष्ठित ब्रांडों में से एक ने कोलकाता में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की मेजबानी की। उन्होंने डालडा वनस्पति के ट्रांस-फैट मुक्त होने की घोषणा करने के लिये यह प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी थी। इस पैनल चर्चा में ब्रांड मार्केटिंग प्रतिनिधि के साथ भारत के पाककला के सरताज शेफ संजीव कपूर और प्रसिद्ध आहार विशेषज्ञ नैनी सीतलवाड़ भी मौजूद थे।
बुंगे इंडिया के जीएम मार्केटिंग मिलिंद आचार्य ने ब्रांड के अब तक के सफर के बारे में कहा, “डालडा 75 वर्षों से अधिक की समृद्ध विरासत के साथ भारत में एक घरेलू ब्रांड रहा है। बुंगे इंडिया में, हमें इस बात पर गर्व है कि डालडा भारत का वनस्पति है। डालडा वनस्पति को जो चीज वास्तव में सबसे अलग बनाती है, वह न केवल भारत में खाद्य सुरक्षा नियमों को पूरा करने का हमारा निरंतर प्रयास रहा है, बल्कि स्वास्थ्य, पोषण और खाद्य सुरक्षा पर वैश्विक विकास के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना भी है। डालडा में हम हमेशा अपने ग्राहकों को कुछ और नहीं, बल्कि सबसे बेहतर गुणवत्ता वाले प्रोडक्ट देने का प्रयास करते हैं। ‘लाभ से अधिक सुरक्षा’ के अपनी मूल सोच के अनुरूप, हमने ट्रांस-फैट में कमी पर ध्यान केंद्रित करने के लिये निरंतर प्रयास किया और हमें यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि डालडा वनस्पति अब ट्रांस-फैट मुक्त है – अब सेहत के साथ, स्वाद चखेगा इंडिया! इस वादे के साथ डालडा को उम्मीद है कि वह भारत के हर किचन में अपना जादू हमेशा चलाता रहेगा।”
इस घोषणा के चर्चित शब्द ‘ट्रांस फैटी एसिड’ (टीएफए) या उससे अधिक, बस ‘ट्रांस-फैट’, पर प्रकाश डालते हुए न्यूट्रीशनिस्ट नैनी सीतलवाड़ ने कहा, “पिछले कुछ दशकों में टीएफए एक ऐसा शब्द बन गया है जो स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों के दिलों में डर पैदा करता है। जबकि उद्योगों द्वारा तैयार वनस्पति पर टीएफए को आपकी थाली में परोसने का एकमात्र दोषी माना गया है। कहने का मतलब है कि टीएफए आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले उत्पादों में भी छिपा होता है। जैसे पशुओं से प्राप्त होने वाले उत्पादों में टीएफए 5% तक हो सकता है! हालांकि, डब्ल्यूएचओ की मौजूदा जानकारी बताती है कि दैनिक आहार सेवन के 1% से कम टीएफए की मात्रा ही चाहिये होती है। डालडा वनस्पति में कुल टीएफए सामग्री हमेशा समग्र एफएसएसएआई दिशानिर्देशों के अनुरूप रही है, और अब एफएसएसएआई की सलाह पर ब्रांड ट्रांस-फैट मुक्त होने जा रहा है, इससे शायद अब हमारे लिये यह जरूरी हो गया है कि खाना पकाने के माध्यम को एक नई रोशनी में देखें।”
पुरानी मीठी यादों को याद करते हुए शेफ संजीव कपूर ने कहा, “उत्सव के व्यंजनों से लेकर लंचबॉक्स तक, डालडा वनस्पति ने भारतीय पीढ़ियों के लिये एक साथ शानदार स्वादिष्ट भोजन दिया है। मुझे याद है कि कैसे मेरे परिवार के बुजुर्ग इसके समृद्ध सुगंधित स्वाद की मिसाल दिया करते थे और दिल से इस बात को मानते थे कि डालडा वनस्पति से तैयार नहीं होने पर व्यंजन स्वादिष्ट नहीं बनता। यह न केवल व्यंजनों को अद्भत स्वाद देता है, बल्कि यह सबसे विविध प्रकार का खाना पकाने के माध्यमों में से एक रहा है। गरमागरम नरम पराठे को रेशमी चमक देने से लेकर पंखों से हल्के-फुलके भटूरे और सुनहरे भूरे रंग के समोसे तक। उत्सव की मिठाई को रिचनेस देने से लेकर रोजमर्रा के खाने और स्नैक्स का भरोसेमंद आधार होने तक, डालडा वनस्पति पीढ़ियों से एक पसंदीदा विकल्प रहा है। आश्चर्यजनक रूप से, युवा पीढ़ी, जो आमतौर पर इसे दादी के खाने के स्वाद के साथ जोड़ती है, नये जमाने के खाना पकाने के तरीकों में इसके गुणों की तलाश कर रही है। इतने समय से परंपराओं एवं स्वाद के साथी तथा खाना पकाने में सहायक इस अनूठे प्रोडक्ट द्वारा ट्रांस-फैट फ्री होने का दर्जा हासिल करने की घोषणा इसकी अच्छाई में हमारे निरंतर भरोसे को ही पुख्ता करती है। मैंने खुद इसका स्वाद चखा है, इसलिये मैं जानता हूँ कि आप भी इसके बारे में जानें।”
डालडा के विषय में : डालडा भारत के प्रतिष्ठित ब्रांडों में से एक है, जिसे 2003 में यूनिलीवर से बुंगे इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अधिग्रहित किया गया था। यह पीढ़ियों से सौंपे गये भरोसे की विरासत है। डालडा का नाम इसकी प्रीमियम गुणवत्ता और उच्च गुणवत्ता मानकों के पालन के परिणामस्वरूप पिछले 75 वर्षों से पूरे भारत में लाखों घरों का हिस्सा रहा है, जबकि स्वाद और सुगंध के नाम पर पौष्टिकता से समझौता नहीं किया गया है। डालडा भारतीय बाजार में डालडा की रिफाइंड और स्वाद तेलों की रेंज को सफलतापूर्वक उपलब्ध कराने के लिये बुंगे की अंतरराष्ट्रीय तकनीक और विशेषज्ञता का उपयोग करता है।
बुंगे लिमिटेड के विषय में : बुंगे इंडिया बुंगे लिमिटेड का एक हिस्सा है, जो 200 से अधिक समृद्ध वर्षों से एक अग्रणी वैश्विक कृषि व्यवसाय और खाद्य कंपनी है। बुंगे इंडिया दुनिया भर में ग्राहकों की सेवा के लिये तिलहन और अनाज खरीदता है, बेचता है, स्टोर करता है और परिवहन करता है; कॉमर्शियल ग्राहकों और उपभोक्ताओं के लिये खाद्य तेल उत्पादों को संसाधित करता है और खाद्य कंपनियों द्वारा उपयोग की जाने वाली सामग्री तैयार करता है।