जी-7 शिखर सम्मेलन इटली 13-15 जून 2024 में भारत का आगाज

विश्व भर के नेताओं जटिल भू-राजनीतिक चुनौतियों से निपटने समाधान तरीकों को तलाशनें एआई एजेंडा सहित अनेक विषय चर्चा में शामिल
वैश्विक नेताओं के साथ भारत व ग्लोबल साउथ के लिए आम मुद्दों पर बातचीत के सटीक अवसर को कुछलता से भुनानें में भारतीय माहिर- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर यह सर्वविदित है कि हम वर्तमान प्रौद्योगिकी वह कंपटीशन के युग में अति तेजी से उन्नति कर रहे हैं, तो स्वाभाविक रूप से हमारी इस सफलता से दो पक्ष खड़े होते हैं, पहला हमारी सफलता पर खुशियों से झूमते हुए हमें और आगे बढ़ाने का प्रोत्साहन देने वाला और दूसरा जलकुकड़ा, यानें हमारी सफलता से क्रोधित होकर हमारी टांग खींचना और दाएं बाएं गिराने की कोशिश करने वाला। यह बात हम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि आज दिनांक 13 जून 2024 को इसी पर आधारित एक बात हुई और मैंने इस पर आलेख लिखने के लिए मुद्दा लपक लिया। हुआ यूं कि चीन पाकिस्तान ने 7 जून 2024 को एक संयुक्त वक्तव्य में हमारे जम्मू कश्मीर व लद्दाख क्षेत्र संबंधी भूमि को अपनी योजना में बताया था, जिस पर आज 13 जून 2024 को विदेश मंत्रालय ने जवाब देकर इसे खारिज किया व अपनी संप्रभुता की बात कही और आज ही के दिन माननीय पीएम जी-7 सम्मेलन जो 13-15 जून 2024 को इटली के अपुलिया क्षेत्र में आयोजित है, आज देर शाम रवाना हुए। स्वाभाविक ही है बड़े-बड़े विकसित देश हमसे नजदीकीयां बढ़ा रहे हैं। एफटीए करने को आतुर हो रहे हैं तो कुछ वर्ग हमसे जलनखोरी कर हमारे क्षेत्र को अपना बताकर हमें उकसा रहें हैं।

इसलिए आज हम उकसाने वालों की बात छोड़कर हमें प्रोत्साहन देने वालों पर चर्चा करेंगे। असल में इस वर्ष इटली की मेजबानी में अपुलिया क्षेत्र में जी 7 सम्मेलन शुरू हो गया है इसमें भारत को जी 7 आउटरिच शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है जिसमें माननीय पीएम एक दिवसीय इटली यात्रा पर गए हैं। वह शुक्रवार 14 जून 2024 को देर शाम वहां से रावाना भी होंगे। पीएम वहां सम्मेलन को संबोधन भी करेंगे और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर क्षेत्र पर फोकस हो सकता है,चूंकि विश्वभर के नेता जटिल भू राजनीतिक चुनौतियों से निपटने, समाधान तरीकों को तलाशनें एआई एजेंडा प्रमुख विषयों में शामिल है। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, विश्वभर के नेताओं के साथ भारत व ग्लोबल साउथ के लिए अहम मुद्दों पर बातचीत के सटीक अवसर को कुशलता से भुनाने में भारत माहिर है।

साथियों बात अगर हम दिनांक 13 जून 2024 को देर शाम माननीय पीएम के इटली यात्रा की करें तो, इटली की अध्यक्षता में होने वाले 50वें जी 7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली के अपुलिया की यात्रा पर रवाना हो गए। तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने के बाद पीएम की यह पहली विदेश यात्रा है। यहां बहुपक्षीय और द्विपक्षीय प्रारूप में जी 7 के सदस्यों और अन्य आमंत्रित देशों एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ जुड़ने का अवसर मिलेगा। पीएम रिकॉर्ड तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर इटली रवाना हो गए हैं। भारत के अलावा इटली ने अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के 11 विकासशील देशों के नेताओं को शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है।

उन्होने एक बयान में कहा, वे इटली के पीएम के के निमंत्रण पर 14 जून को जी-7 आउटरीच शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली के अपुलिया क्षेत्र का दौरा करने जा रहें हैं। मुझे खुशी है कि लगातार तीसरे कार्यकाल में मेरी पहली यात्रा जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की है। आउटरीच सत्र में चर्चा के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, उर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर फोकस किया जाएगा। यह भारत की मेजबानी में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन और जी-7 शिखर सम्मेलन के परिणामों के बीच अधिक तालमेल लाने और उन मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का अवसर होगा, जो वैश्विक दक्षिण के लिए महत्वपूर्ण हैं। मैं शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले अन्य नेताओं से मिलने के लिए भी उत्सुक हूं।

साथियों बात अगर हम इटली के अपूलिया क्षेत्र में जी-7 शिखर सम्मेलन 13-15 जून 2024 की करें तो, इटली में तीन दिवसीय जी-7 शिखर सम्मेलन का आगाज हो रहा है। 13 से 15 जून तक पुगलिया में बोर्गो एग्नाजिया में कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। जी-7 शिखर सम्मेलन की मेजबानी इटली की अध्यक्षता के तहत हो रही है। तीन दिनों के सत्र के दौरान वैश्विक नेता मुख्य वैश्विक मुद्दों पर बात करेंगे। इस कार्यक्रम में सात सदस्य देशों (इटली, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान, यूके और अमेरिका) के नेताओं के साथ-साथ यूरोपीय संघ का प्रतिनिधित्व करने वाले यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष भी शामिल होंगे।इसके अलावा कई राष्ट्रों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि सत्रों में भाग लेंगे, जिन्हें इटली द्वारा आमंत्रित किया गया है। वैश्विक नेताओं में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अल्जीरियाई राष्ट्रपति अब्देलमजीद तेब्बौने, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा (जी20 अध्यक्ष), पोप फ्रांसिस, जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय, केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो, मॉरिटानिया के राष्ट्रपति मोहम्मद औलद गजौनी (अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष), ट्यूनीशियाई राष्ट्रपति कैस सईद, संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद और तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोआन शामिल हैं। इसके अलावा कई राष्ट्रों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि सत्रों में भाग लेंगे, जिन्हें इटली द्वारा आमंत्रित किया गया है।

साथियों बात अगर हम माननीय पीएम की वैश्विक नेताओं से चर्चा की करें तो, पीएम 14 जून को आउटरीच सत्र में भाग लेंगे, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर केंद्रित होगा। बता दें कि पीएम ने 25 अप्रैल को मुक्ति दिवस की 79वीं वर्षगांठ के अवसर पर इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से टेलीफोन पर बातचीत की थी। इस दौरान मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन आउटरीच सत्र में आमंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री मेलोनी को धन्यवाद दिया था। पीएम इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे। मार्च 2023 में मेलोनी की भारत यात्रा के बाद पीएम की दूसरी बैठक होगी। पीएम एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ गुरुवार को इटली गए हैं। यह यात्रा पीएम को शिखर सम्मेलन में मौजूद अन्य वैश्विक नेताओं के साथ भारत और ग्लोबल साऊथ के लिए अहम मुद्दों पर बातचीत करने का अवसर प्रदान करेगी।

जानकारी के अनुसार, शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात हो सकती है। जी-7 शिखर सम्मेलन में भारतीय पीएम की भागीदारी से उन्हें पिछले वर्ष भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के परिणामों पर आगे की जाने वाली कार्रवाई करने का भी अवसर मिलेगा। पीएम के इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन में कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने की भी उम्मीद है। इस सम्मेलन में मध्य पूर्व और यूक्रेन में चल रहे संघर्षों पर चर्चा होने की उम्मीद है। विश्वभर के नेता इन जटिल भू-राजनीतिक चुनौतियों से निपटने औरसमाधान के तरीकों की तलाश करेंगे। इसके अलावा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) एजेंडा के प्रमुख विषयों मेंशामिल किया गया है।जी-7 के चार देशों में आम चुनावजी-7 में शामिल अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा में आम चुनाव होने हैं, जबकि जापान में सत्ताधारी पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना है। अमेरिका में जहां दक्षिणपंथी डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से बाइडन को कड़ी चुनौती मिल रही है, वहीं ब्रिटेन में सुनक की लोकप्रियता लगातार गिर रही है। मैक्रों ने फ्रांस में दक्षिणपंथियों की जीत के बाद दबाव में आकर चुनावों का एलान किया है। ऐसे में जी-7 में लिए जाने वाले फैसलों का अंजाम क्या होगा यह इन देशों में चुनावों के नतीजों के बाद ही पता चलेगा।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ 

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि जी-7 शिखर सम्मेलन इटली 13-15 जून 2024 में भारत का आगाज। विश्वभर के नेताओं जटिल भू-राजनीतिक चुनौतियों से निपटने समाधान तरीकों को तलाशनें एआई एजेंडा सहित अनेक विषय चर्चा में शामिल। वैश्विक नेताओं के साथ भारत व ग्लोबल साउथ के लिए आम मुद्दों पर बातचीत के सटीक अवसर को कुशलता से भुनानें में भारतीय माहिर।

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