नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन को बड़ी वैश्विक चुनौती बताते हुए कहा है कि इससे निपटने के लिए जीवनशैली को प्रकृति के अनुरूप बनाने की जरूरत है और भारत जी-20 समूह का अकेला ऐसा देश है, जो ऐसी जीवनशैली अपनाने के साथ ही पेरिस समझौते का पालन कर रहा है। मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ‘ग्लोबल सिटीजन लाइव’ आयोजन को संबोधित करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन आज विश्व के सामने बड़ी चुनौती बनकर खड़ा है।
दुनिया को इस बात को स्वीकार करना होगा कि जलवायु परिवर्तन का असर सबसे पहले हम पर ही होगा। जलवायु परिवर्तन से निपटने का सबसे अच्छा तरीका है कि हमें अपनी जीवनशैली को प्रकृति के हिसाब से बदलना होगा। गरीबी उन्मूलन की दिशा में काम कर रहे वैश्विक संगठन ‘ग्लोबल सिटीजन’ का यह आयोजन 120 देशों में प्रसारित किया गया। इसका विशेष सम्मेलन 25 सितंबर से 26 सितंबर तक चलेगा।
मोदी ने कहा कि लगभग दो वर्षों से पूरी दुनिया वैश्विक महामारी से जूझ रही है। उन्होंने कहा, “महामारी से लड़ने के हमारे साझा अनुभव ने हमें सिखाया है कि जब हम साथ होते हैं तो हम मजबूत और बेहतर होते हैं। हमने इस सामूहिक भावना की झलक तब देखी जब हमारे कोरोना योद्धाओं, डॉक्टरों, नर्सों, चिकित्सा कर्मचारियों ने महामारी से लड़ने में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। हमने अपने वैज्ञानिकों और नवोन्मेषकों में यह भावना देखी, जिन्होंने रिकॉर्ड समय में नये टीके बनाये। पीढ़ियां इस समय को याद रखेंगी।”
कोरोना के अलावा अन्य चुनौतियां भी बनी हुई हैं, जिनमें से एक सतत चुनौती गरीबी है। गरीबों को सरकारों पर अधिक निर्भर बनाकर गरीबी से नहीं लड़ा जा सकता। गरीबी से तब लड़ा जा सकता है, जब गरीब सरकारों को ऐसे भरोसेमंद साथी के रूप में देखना शुरू कर दें, जो उन्हें गरीबी के दुष्चक्र को हमेशा के लिए तोड़ने के लिए सक्षम बुनियादी ढाँचा देंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब गरीबों के सशक्तीकरण के लिए ताकत का इस्तेमाल किया जाता है, तो उनके पास गरीबी से लड़ने की ताकत भी आ जाती है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने बैंकिंग सिस्टम से अलग रहने वाले लोगों को बैंकिंग से जोड़ा। करोड़ों लोगों को सामाजिक सुरक्षा कवरेज मुहैया कराया। देश के 50 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं भी मुहैया करायी गयीं। आपको यह जान कर खुशी होगी कि हमारी सरकार ने तीन करोड़ मकान तैयार बनावाये हैं।”
सरकार अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे के लिए 10 खरब डॉलर से अधिक खर्च कर रही है। पिछले एक साल और इस वर्ष के कई महीनों से देश के 80 करोड़ नागरिकों को मुफ्त अनाज मुहैया कराया जा रहा है। ये और कई अन्य प्रयास गरीबी के खिलाफ लड़ाई को ताकत देंगे।