चीन-पाक तनाव के बावजूद भारत ने ऐतिहासिक बदलाव की शुरूआत की

ईटानगर : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि देश हर क्षेत्र में कोविड-19 के कारण उपजी अनेक समस्याओं का सामना कर रहा है। इसके अलावा पाकिस्तान और चीन की ओर से सीमा पर तनाव और विवादों के इस चुनौतीपूर्ण समय के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल और दूरदर्शी नेतृत्व में देश न केवल इन संकटों का दृढ़ता से सामना कर रहा है, बल्कि सभी क्षेत्रों में बड़े और ऐतिहासिक बदलाव भी ला रहा है।

भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में विकासात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, मंत्री ने कहा कि इस तरह की सभी परियोजनाओं में प्रगति की नियमित रूप से निगरानी की जाती है और इनके समय पर निष्पादन के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराया जाता है।

रक्षा मंत्री ने सोमवार को पश्चिमी, उत्तरी और उत्तर-पूर्वी भारत में सात सीमावर्ती राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में निर्मित 44 प्रमुख स्थायी पुलों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्र को समर्पित किया। इस दौरान उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में महत्वपूर्ण नेचिपु सुरंग की नींव भी रखी। सिंह ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक और अन्य रैंकों के अधिकारियों को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई भी दी और कहा कि एक बार में 44 पुलों को राष्ट्र को समर्पित करना भी अपने आपमें एक रिकॉर्ड है।

सीमावर्ती बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए बीआरओ की सराहना करते हुए मंत्री ने कहा कि ये पुल संबंधित क्षेत्रों में दूर-दराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएंगे और क्षेत्र के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेंगे। पूरे साल सशस्त्र बलों के परिवहन और रसद आवश्यकताओं को भी पूरा करेंगे।” मंत्री ने कहा कि सड़कें और पुल “किसी भी देश की जीवनरेखा” हैं और इन्होंने दूर-दराज के क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

बीआरओ का वार्षिक बजट 2008-2016 में 3,300 करोड़ रुपये से 4,600 करोड़ रुपये तक हो गया है। उन्होंने कहा कि बजट में पर्याप्त वृद्धि हुई है और अब 2020-21 में इसमें 11,000 करोड़ रुपये की वृद्धि आंकी गई है।

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