कोलकाता : बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) और भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के बीच मतभेद बढ़ गए हैं। विवाद बढ़ने के चलते बांग्लादेश की सीमा के करीब मालदा में बाड़ लगाने का काम अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। सूत्रों ने कहा कि अगले महीने होने वाली डीजी-स्तरीय वार्ता के दौरान इस मामले पर चर्चा हो सकती है।
दोनों देशों के किसानों के बीच हाल ही में हुई झड़पों की पृष्ठभूमि में 18 जनवरी को बीजीबी और बीएसएफ के बीच सेक्टर कमांडेंट स्तर की बैठक हुई। इससे पहले, पिछले महीने मालदा के सुकदेवपुर में बाड़ लगाने के दौरान बीएसएफ को प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था। इसके बाद काम रोक दिया गया था।
सूत्रों ने कहा, ‘हमने काम फिर से शुरू नहीं किया है क्योंकि हम किसी भी तनाव को बढ़ाना नहीं चाहते हैं। इस मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने का प्रयास कर रहे हैं।’
सूत्र ने कहा कि अगले महीने होने वाली डीजी-स्तरीय वार्ता के दौरान इस मामले पर चर्चा हो सकती है। बांग्लादेश के साथ हाल ही में एक सेक्टर कमांडर स्तर की बैठक हुई थी। यह एक शिष्टाचार बैठक थी, लेकिन आपसी हितों के मुद्दों पर अनौपचारिक रूप से चर्चा की गई।
भारत-बांग्लादेश सीमा पर ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां भौतिक बाधाओं के कारण बाड़ केवल अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब- 100 गज या उससे भी कम – ही बनाई जा सकती है, क्योंकि वहां बसावट, सड़कें, नदियां और अन्य सीमाएं हैं।
पारस्परिक रूप से सहमत सीमा दिशा-निर्देशों के अनुसार, स्थायी बाड़ सहित स्थायी प्रकृति का कोई भी निर्माण केवल 150 गज या उससे अधिक की दूरी पर ही बनाया जा सकता है।
डीआईजी एनके पांडे ने ईटी को बताया, ‘ऐसे सभी मामलों में, जब अंतरराष्ट्रीय सीमा से 150 गज से कम दूरी पर बाड़ बनाई जाती है, तो समकक्ष को विश्वास में लिया जाता है और स्थिति से निपटने के लिए एक स्थापित द्विपक्षीय तंत्र होता है। मालदा के मामले में, इसका सावधानीपूर्वक पालन किया गया और बाड़ लगाने का यह काम पूरी समझ, सहमति और समकक्ष से इस आशय के उचित संचार के बाद शुरू किया गया।’