महामारी में संसाधनो की कमी का मुख्य कारण बढ़ती जनसंख्या : कृष्ण मुरारी

कोलकाता। Kolkata Desk : साथियों आज भारत माता एक बड़े संकट के दौर से गुजर रही है। कोरोना महामारी ने पूरे देश को अस्त-व्यस्त करके रख दिया है। लोगों के बीच दूरी बनाई है। इस महामारी में हमारे संसाधनों की कमी भी उजागर हुई है, जिसका एकमात्र कारण सीमित क्षेत्रफल के बावजूद देश में 138 करोड से भी अधिक आबादी का होना है।

इसी कारण अस्पताल, मेडिकल स्टाफ, दवाइयां, आक्सीजन, वैंटीलेटर आदि संसाधन अचानक आई इस आपदा को झेल नहीं पाए हैं। सरकार और उसके नेतृत्व की पूरी कोशिश रही है कि कम से कम समय में अधिक से अधिक व्यवस्थाएं की जाए और उन्हें पूरा करने के लिए एडी चोटी का जोर लगाया भी है परन्तु इतनी बड़ी आबादी के आगे यह उपलब्धता ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुई हैं।

लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि आबादी इस प्रकार से महामारी के रूप में कम हो। अपने ही पडोस में बडे बडे सपनों के साथ पाल पोसकर बड़ा किए युवाओं के माॅ-बाप और परिवार को पीछे छोड़ गए व्यक्ति के बिलखते बच्चों और पत्नि की हालत देखकर दिल दहाड मारकर रोता है।

आबादी कम करनी है परन्तु वह भविष्य में एक नीति के तहत सभी नागरिकों पर अधिक बच्चे पैदा करने से समान रूप से रोक लगाने पर कम करनी है। आज अधिकांश लोग एक-एक बच्चों पर आ चुके हैं परन्तु दूसरी ओर कुछ लोग 10-10 बच्चे पैदा कर रहे हैं। इस गडबड़ी को रोकना है।

आज इस महामारी ने यह साबित कर दिया है कि जनसंख्या समाधान फाउंडेशन द्वारा सभी नागरिकों को ध्यान में रखकर चलाई जा रही जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग बिल्कुल सही है, एकदम सटीक है। इस महामारी ने साबित किया है कि इस कानून को बनाना तुरंत आवश्यक है।

साथियों, जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के देशभर के 22 राज्यों के आप सभी सम्मानित भाई और बहिन और इसके अलावा भी मां भारती के बहुत से राष्ट्रभक्त जो इस उद्बोधन को सुन रहे होंगे मेरा आप सभी से आग्रह है कि संकट की घड़ी में अपने लोगों के साथ और अपनी सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहें। मुझे विश्वास है के हम इस संकट से उबर जाएंगे। मोके पर पश्चिम बंगाल से बैठक में अपनी पूरी टीम के साथ में उपस्थित रहे प्रदेश अध्यक्ष श्री राकेश वर्मा जी ने हमे बताया कि देश मे शिघ्र अगर जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू न हुआ तो देश मे होंगे गृह युद्ध के हालात ।।।

साथियो कुछ मीडिया के लोग, कुछ राजनीतिक दल तथा कुछ तथाकथित बुद्धिजीवी ऐसे भी हैं जो इस महामारी के समय में भी अपनी गलत हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं और वह इस आपदा को सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के अवसर के रूप में प्रयोग कर रहे हैं। वह लोग न केवल देश में, बल्कि पूरे विश्व में भारत की छवि को बदनाम करना चाहते हैं।

जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के हम सभी साथियों को पूरे देश में यह स्पष्ट करना है कि यह गलत है और ऐसी प्रवृत्ति पर तुरंत लगाम लगनी चाहिए। ऐसे लोगों को यह आईना भी दिखाया जाना आवश्यक है कि जाओ और देखो इजराइल के पक्ष, विपक्ष और मीडिया को और सीखो उनसे कि संकट के समय राष्ट्रहित को सर्वोच्च मानते हुए कैसा व्यवहार होना चाहिए।

साथियों मैं आप सभी से एक आग्रह करना चाहूंगा कि जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के हम जितने भी साथी हैं हम एक दूसरे के संपर्क में रहें। अपने आसपास के समाज के संपर्क में रहें और देखें कि अगर कोई व्यक्ति अथवा परिवार किसी भी प्रकार की आवश्यकता में है तो स्वयं का बचाव करते हुए, स्वयं को बीमारी होने की संभावनाओं से दूर रखते हुए उसकी हर प्रकार से सहायता करना हमारा परम कर्तव्य है।

हमें यह भी सुनिश्चित करना है कि हम और हमारे आसपास के लोग अगर आवश्यक नहीं है तो घर से बाहर ना निकले और यदि हमें मजबूरीवश घर से बाहर निकलना पड़ता है तो हम शारीरिक दूरी के नियम का पालन करें, डबल मास्क लगाएं लगातार हाथ धोते रहें और सैनिटाइजर का प्रयोग करें और यथासंभव संक्रमण से बचने का प्रयास करें।

साथियों जैसा मैंने कहा है कि इस महामारी ने यह साबित किया है कि इतनी अधिक जनसंख्या के सापेक्ष हमारे संसाधन बहुत कम पड गए हैं। अब समय आ गया है कि हम सभी साथी ऐसे वातावरण का निर्माण करें कि भारत सरकार इस महामारी से उबरते ही अविलंब एक जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर आए और उस कानून को सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू करें।

इस बीच जनसंख्या समाधान फाउंडेशन एक विस्तृत कार्य योजना बनाने पर कार्य कर रहा है उसमें से कुछ बिंदुओं पर मैं आप सभी से आज चर्चा करना चाहूंगा अपनी बात रखना चाहूंगा। सर्वप्रथम 23 मई 2021 अर्थात इस रविवार दोपहर 12 बजे जनसंख्या समाधान फाउंडेशन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की एक वर्चुअल बैठक होगी जिसमें भविष्य की कार्य योजना पर विचार किया जाएगा।

जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के देशभर के राष्ट्रीय कार्यकारिणी से जुड़े साथी उस बैठक में 12:00 बजे भाग लेंगे यह बैठक इन हाउस होगी। अर्थात इसे लाईव नही किया जाएगा, बाहर प्रसारित नहीं किया जाएगा। इस बैठक में सभी महत्वपूर्ण दायित्वों की व्याख्या के साथ साथ उनहे निभा सकने वाले साथियों के शीघ्र नाम निश्चित करने पर एक और बैठक की संभावना तलाशने के प्रयास किए जाएंगे।

उसके बाद रविवार की रात्रि 8:00 बजे जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सभी प्रदेशों के अध्यक्षों और प्रदेश प्रभारियों से जिनमें महिला विंग की सभी प्रदेशों की अध्यक्ष भी शामिल हैं के साथ चर्चा करेंगे। उसके अगले सप्ताह से यही कार्य महिला विंग की प्रभारी और अध्यक्ष राष्ट्रीय और प्रदेश स्तरीय बैठक करेंगी।

चूंकि एक बड़ी और कुशल टीम बनाने के उद्देश्य से संरक्षक जी सहित उच्च स्तर पर चर्चा हो चुकी है और उसमें यूथ विंग के सदस्यों को मुख्य विंग के साथ मिलाकर काम करने योजना की सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है। बस महामारी शिथिल पडने के बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में इस बात की घोषणा होनी है। इसलिए यूथ विंग की अलग से वर्चुअल मीटिंग नहीं होनी हैं।

रविवार रात्रि सभी प्रदेश अध्यक्ष गण से राष्ट्रीय अध्यक्ष जी की बैठक के बाद समय निश्चित करके प्रदेश अध्यक्ष गण प्रदेश कार्यकारिणी के साथ वर्चुअल बैठक करेंगे। उड़ीसा राज्य की बैठक पहले से चल रही हैं। इसी प्रकार अन्य राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष भी अपनी-अपनी विंग की प्रदेश की टोली के साथ बैठक करेंगे।उसके अलावा अगले सप्ताह के अंदर अंदर वह अपने सभी जिला अध्यक्षों के साथ भी वर्चुअल बैठक करेंगे। तत्पश्चात सभी जिला अध्यक्ष अपने-अपने जिलों की कार्यकारिणी की बैठक करेंगे।

इसका पहला उद्देश्य तो यह है कि हम एक दूसरे के हाल-चाल जान पाएंगे और इस समस्या की घड़ी में एक दूसरे से संपर्क में रहेंगे तथा साथ ही इस कोरोना बीमारी के बाद भविष्य में किस प्रकार से हम काम करेंगे इस विषय पर भी बातचीत आगे के चरणों में होगी और हम लगातार संपर्क में बने रह सकते हैं। मेरा आप सभी से आग्रह है कि रविवार की बैठक में जो अपेक्षित बंधु हैं, सूचना प्राप्ति पर वह बैठकों में उपस्थित रहें।

साथियों मैं अपनी बात समाप्त करने से पहले एक बात कहना चाहूंगा कि देश नाजुक दौर से गुजर रहा है। पश्चिम बंगाल के हालात हम देख रहे हैं। इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जो कुछ भी हो रहा है, किस प्रकार से लोग आतंकवादी संगठन के साथ केवल धार्मिक आधार के कारण जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं यह बड़ी विडंबना की बात है। कल को भारत में ऐसी परिस्थितियों का निर्माण होने पर, अन्य देश के साथ युद्ध होने की स्थिति में धार्मिक आधार पर वही लोग शत्रु के साथ जा सकते हैं।

सम्पूर्ण देश में भ्रमण से यह साफ समझ आ रहा है कि एक विशेष वर्ग अधिक बच्चे पैदा करके अपनी आबादी को सोची समझी रणनीति के तहत बढ़ा रहा है। ऐसी आबादी का बढ़ना बहुत बड़ा खतरा है, यह हम सबको समझाना है और सोए हुए लोगों को समझाना है। और जो पहले से जानते हैं उन्हे इसका उपाय,सुझाने की और फिर सबको साथ जोड़ने की जिम्मेदारी हमारी है।

अंत में यही कहना है कि जनसंख्या नियंत्रण कानून बने और वह जाति, धर्म, क्षेत्र और भाषा से ऊपर उठकर सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू इसके लिए जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के हम सभी साथी पूरे देश के लोगों को अपने साथ जोड़ेंगे और ऐसा वातावरण बनाएंगे कि अब इसमें और देरी ना हो।

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