ईएसडब्ल्यू सोसायटी के दसवें शोध संगोष्ठी का उद्घाटन

बायोएक्सॉन्स अमेरिका के अध्यक्ष डॉ. एम.एस. परिहार ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
नेशनल अमेजिंग गोदावरी मेमोरियल अवार्ड डॉ. एम.एस. परिहार, अमेरिका को दिया गया।
प्रकृति की रक्षा और पुनर्स्थापना के लिए पर्यावरण और देशी प्रजातियों के संवर्धन और संरक्षण के लिए रणनीतियाँ विषय पर वैज्ञानिकों ने किया मंथन।

खजुराहो। द्वि सहस्त्राब्दी वर्ष से संचालित एवं नीति आयोग भारत से संबद्ध एनवायरमेंट एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी खजुराहो के द्वारा खजुराहो के स्थानीय होटल ग्रीन हाउस में लगातार एक दशक से प्रतिवर्ष शोध संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें देश भर के वैज्ञानिक एवं अनुसंधानकर्ता भाग लेकर स्टार्टअप पर कार्य कर रहे है। शोध संगोष्ठी 29 से 31 जनवरी के बीच “प्रकृति की रक्षा और पुनर्स्थापना के लिए पर्यावरण और देशी प्रजातियों के संवर्धन और संरक्षण के लिए रणनीतियाँ” विषय पर हो रही है। इस कॉन्फ्रेंस को आईयूसीएन स्विटजरलैंड, जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार कलकत्ता, महाकौशल विज्ञान परिषद एवं द राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी भारत भोपाल चैप्टर का कोलेबोरेशन है।

एनवायरमेंट एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी खजुराहो द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि डॉ. एम.एस. परिहार अमेरिका डॉ. एस.एन. पांडेय अरूणाचल प्रदेश डॉ. अरुण आर्य गुजरात डॉ. उलरिच बर्क से उपस्थित रहे एवं डॉ. मोहन यादव उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन भोपाल वर्चुअल उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की पूजा अर्चना एवं अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर हुआ। दीपिका तिवारी उज्जैन ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की एवं डॉ. सुधा श्रीवास्तव डॉ. शोभा सोचे एवं वंदना दुबे ने एसडब्ल्यू सोसाइटी का बैज लगाकर स्वागत किया।

इस अवसर पर सोवीनियर का विमोचन तथा डॉ. अश्वनी कुमार दुबे एवं सुनीता सिंह द्वारा लिखित एनिमल डायवर्सिटी नॉन काॅरडेटा पुस्तक का विमोचन किया गया। डॉ. अश्वनी कुमार दुबे ने सोसाइटी की 10 साल की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस संस्था से जुडे सभी सदस्य पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहे है। विशिष्ट अतिथि डॉ. उलरिच बर्क जर्मनी ने कहा कि हमें अपनी धरती माता का सम्मान करना चाहिए डॉ. अरुण आर्य ने स्थानीय प्रजातियों के संरक्षण पर प्रकाश डाला कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. एम.एस. परिहार ने बताया कि इस कार्यक्रम से पर्यावरण संरक्षण तथा ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन के समाधान में सहयोग मिलता है।

डॉ. एस.एन. पांडे ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि वैज्ञानिकों जीन एडिटिंग कर शरीर को मौसम के अनुकूल बना सकते है लेकिन हमें अपने स्वभाव को खुद बदलना चाहिए और हमें संतुष्ट होकर कार्य करना चाहिए। इस अवसर पर सोसायटी द्वारा दिए जा रहे नेशनल अमेजिंग गोदावरी मेमोरियल अवार्ड डॉ. एम.एस. परिहार निदेशक बायोएक्सॉन्स अमेरिका को दिया गया जो शिक्षा एवं विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट पुरस्कार माना जाता है। स्मृति चिन्ह डॉ. अश्वनी कुमार दुबे द्वारा अतिथियों को प्रदान किए गये।

संगोष्ठी में दर्जनों शोधार्थी कुलपति प्राध्यापक विषय विशेषज्ञ पर्यावरणविद एवं विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि अपने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। इस अवसर पर ई एस डब्ल्यू सोसाइटी के साथ एलएनडी कॉलेज मोतीहारी बिहार स्किल यूनिवर्सिटी सिक्किम आईसीएआर एग्रोफोरेस्ट्री झांसी एवं शासकीय महाविद्यालय कालिदास के साथ अनुबंध हस्ताक्षर किए गए एवं फाईल का आदान प्रदान किया गया। संगोष्ठी का संचालन डॉ. अश्वनी कुमार दुबे ने किया। आभार प्रदर्शन डॉ प्रह्लाद दुबे कोटा ने किया

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