काली दास पाण्डेय, मुंबई। नक्सल समस्या पर आधारित फिल्म ‘लाल पहाड़- बोस द मिसिंग फाइल्स’ के निर्माता व निर्देशक चंपक बनर्जी इन दिनों बॉलीवुड में चर्चा का विषय बने हुए हैं। उसकी खास वजह यह है कि जैसे ही महाराष्ट्र में आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हुई उनके द्वारा उत्तर पश्चिम मुम्बई लोकसभा क्षेत्र सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी गई है। वैसे भी आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर पश्चिम मुम्बई लोकसभा क्षेत्र सीट को लेकर उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना, बगावत करने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का फैसला ले चुकी है। इसी क्रम में उद्धव ठाकरे उत्तर पश्चिम मुम्बई लोकसभा सीट से दो बार जीतकर सांसद बने गजानन कीर्तिकर को सबक सिखाने का प्लान बना रहे हैं। उत्तर पश्चिम मुम्बई लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्सोवा विधानसभा क्षेत्र भी आता है।
फिल्मकार चंपक बनर्जी वर्सोवा विधानसभा क्षेत्र की आमदार/ विधायिका डॉ. भारती लव्हेकर के निकटतम सहयोगी के रूप में भी जाने जाते हैं। मुंबई की वर्सोवा से भाजपा आमदार डॉ. भारती लव्हेकर की गिनती महाराष्ट्र के सुशिक्षित, दूरदर्शी व सभ्य राजनेताओं में होती है। उन्हें क्षेत्र की जनता ने लगातार दो बार अपना प्रतिनिधि चुना है और वे गरीबों, कमजोर वर्ग की महिलाओं व बच्चों की मदद करने के अपने इरादे को और मजबूत करने में जुटी हैं। फिल्मकार चम्पक बनर्जी को उम्मीद है कि डॉ. भारती लव्हेकर के करीबी होने का लाभ उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव में जरूर मिलेगा। नेताजी सुभाषचंद्र बोस की नीतियों पर क्रियाशील पार्टी फारवर्ड ब्लॉक का भी समर्थन चम्पक बनर्जी को प्राप्त है।
नक्सल समस्या पर आधारित फिल्म ‘लाल पहाड़- बोस द मिसिंग फाइल्स’ भी प्रदर्शन के लिए तैयार है और यह फिल्म अब बहुत जल्द ही सिने दर्शकों तक पहुँचने वाली है। ऐसे में फिल्मी गलियारों में फिल्मकार चम्पक बनर्जी का चर्चा होना लाजिमी है। ‘लाल पहाड़- बोस द मिसिंग फाइल्स’ भारत की पहली फिल्म है जिसमें आज़ाद हिंद फौज के संस्थापक नेता जी सुभाष चंद्र बोस द्वारा गठित इंडियन नेशनल आर्मी ने किस तरह से स्वतंत्र राष्ट्र के निर्माण में सहयोग किया इस बात का खुलासा किया गया है साथ ही साथ फिल्म में यह भी दिखाया गया है कि पिछले 70 सालों से ‘मिसिंग इन फाइल्स’ में किन लोगों ने इंडियन नेशनल आर्मी के प्रयासों को दबाने की कोशिश की।
फिल्म में चंपक बनर्जी के साथ अर्पणा गिरी, कामना सिंह, सुनीता वरे, करिश्मा और अनुराग समेत करीब 50 कलाकारों ने अभिनय किया है। फिल्म की मूल कहानी नक्सलियों को मुख्यधारा में जोड़ने की है। इसमें भारतवर्ष के 5 राज्यों में फैले नक्सल समस्या के समाधान के लिए प्रशासनिक स्तर से जनहित में किये जा रहे प्रयासों को भी दिखाया गया है। बॉलीवुड के चर्चित निर्देशक चंपक बनर्जी के निर्देशन में बनी इस फिल्म की शूटिंग एशिया के सेकंड लार्जेस्ट फॉरेस्ट बेल्ट छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़, बस्तर, गढ़चिरौली, दंतेवाड़ा, झारखंड, आंध्र प्रदेश के साथ ही कुछ अन्य रिजर्व फॉरेस्ट बेल्ट में भी की गई है।