कोलकाता। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में स्थित अलिहा विश्वविद्यालय के कुलपति पर एक निष्कासित छात्र और उसके सर्मथकों ने हमला कर दिया। घटना का खुलासा शनिवार को मारपीट का एक वीडियो वायरल होने के बाद हुआ। वीडियो में, कुलपति मोहम्मद अली को निष्कासित छात्र गियासुद्दीन मंडल और उनके अनुयायियों द्वारा अपमान, अपशब्द और हमले की धमकी का सामना करते हुए देखा जा सकता है। मंडल की पहचान तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद के पूर्व इकाई अध्यक्ष के रूप में हुई है।
बताया जा रहा है कि वह यूनिवर्सिटी से निकाले जाने को लेकर आंदोलित था। शनिवार को यह भी पता चला कि कुलपति का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा, जिससे मंडल और भी चिढ़ गया था। वह कुलपति के कक्ष में घुस गया, गाली-गलौज की और उन्हें शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने की धमकी भी दी। कुलपति बीमार पड़ गए और बाद में उन्हें अस्पताल ले जाया गया। अली ने आरोप लगाया कि पुलिस को बार-बार फोन करने के बावजूद घटना के समय सुरक्षा बल नहीं पहुंचा।
पुलिस ने अभी औपचारिक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने सोमवार को आपात बैठक बुलाई है। विकास ने राज्य के शिक्षाविद् और बौद्धिक हलकों में लहर पैदा कर दी है। शिक्षा, साहित्य और सांस्कृतिक क्षेत्र के कई दिग्गजों ने मंडल की तत्काल गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई की मांग की है। सत्ता पक्ष के नेताओं ने हालांकि इस घटनाक्रम से खुद को दूर करना शुरू कर दिया है। पार्टी के महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व इस तरह की कार्रवाइयों का समर्थन नहीं करता और वह भी किसी शिक्षक के खिलाफ तो बिल्कुल नहीं।
घोष ने कहा कि मैं आश्वासन दे सकता हूं कि मामले की जांच की जाएगी और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद के अध्यक्ष त्रिनंकुर भट्टाचार्य ने आरोपियों के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि आरोपी गियासुद्दीन मंडल का हमसे कोई संबंध नहीं है। जहां तक मेरे पास उपलब्ध जानकारी है, कुछ बाहरी लोग बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और अभूतपूर्व घटना के लिए जिम्मेदार हैं।