आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजनों के क्रम में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र ने कोलकाता के रविंद्र नाथ टैगोर सेंटर में दो दिवसीय फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया
कोलकाता 21 अगस्त 2022: आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजनों के क्रम में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र ने 20 एवं 21 अगस्त को दो दिवसीय फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया है। कोलकाता के रविंद्र नाथ टैगोर सेंटर, आईसीसीआर सभागार में होने वाले इस आयोजन में भारत विभाजन के दंश और उसके पीड़ितों की स्मृति पर बनी फिल्में प्रदर्शित की गई। फिल्म फेस्टिवल का उद्घाटन शनिवार 20 अगस्त को की गई।
फेस्टिवल के समापन दिन रविवार 21 अगस्त को रविंद्र नाथ टैगोर सेंटर, आईसीसीआर सभागार में विभाजन की विभिषिका पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें भाजपा नेता दिलीप घोष, आईसीसीआर के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक गौतम दे, प्रसिद्ध कलाकार रूद्रनील घोष, प्रो. रबि रंजन सेन, मौलाना आजाद कॉलेज के प्रो. नारायण चक्रवर्ती और आईजीएनसीए के मीडिया कंट्रोलर अनुराग पुनेठा ने फिल्म महोत्सव के समापन दिवस पर प्रख्यात वक्ताओं के रूप में पैनल चर्चा में भाग लिया। दो दिन तक चलने वाले इस फिल्म फेस्टिवल में एंट्री फ्री थीl
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के मीडिया नियंत्रक अनुराग पुनेठा के मुताबिक फेस्टिवल में करीब डेढ़ दर्जन फिल्में शामिल की गई। निर्णायकों के फैसले के अनुसार इनमें से तीन श्रेष्ठ फिल्मों को क्रमशः तीन, दो और एक लाख रुपये के साथ कुछ प्रविशिष्टियों को सांत्वना पुरस्कार दिए जाएंगे। इस आयोजन में शामिल डाक्यूमेट्री और शार्ट फिल्मों के अतिरिक्त दर्शको ने ‘पिंजर’ और ‘गदरः एक प्रेम कथा’ का भी आनंद उठाया। दोनों दिन सायं छह बजे तक चलने वाला फिल्म फेस्टिवल सभी के लिए खुला हुआ था।
ज्ञातव्य है कि आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र ने सोमवार 08 अगस्त को दिल्ली के संसद भवन परिसर में विभाजन की विभीषिका पर केंद्रित एक प्रदर्शनी भी शुरू की है। यह प्रदर्शनी देश के कुछ अन्य प्रमुख जगहों और ऑनलाइन भी देखी जा सकती है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने भी सम्बंधित संस्थानों को इसका लिंक भेजा है।
देश का बंटवारा एक ऐसी त्रासदी है, जिसे शब्दों में नहीं व्यक्त किया जा सकता। यह दुनिया की सबसे बड़ी मानवीय त्रासदियों में से एक है। इसमें लाखों लोग मारे गए, करोड़ों बेघर हो गए। विभाजन का दंश झेलने वाले उन लाखों परिवारों की पीड़ा हमारी स्मृतियों से ओझल न हो, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर साल 14 अगस्त को “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस” मनाने का अह्वान किया है।