- बीएलआरओ की भूमिका पर उठ रहे हैं सवाल
कोलकाता (न्यूज़ एशिया)। एक निजी संस्था पर सरकारी जमीन का जाली कागजात बनाकर फर्जीवाड़ा के माध्यम से जमीन हड़पने का आरोप लगाया जा रहा है। आरोप यह भी कि बीएलआरओ ने ही उस निजी संस्था को ये जमीन दिलाने में मदद की है। हावड़ा के लिलुआ मीरपाड़ा की घटना है। इसको लेकर सरकारी भूमि एवं भूमि सुधार विभाग के खिलाफ भी लोगों में नाराजगी देखी जा रही है।
आरोप है कि लिलुआ ने मीरपाड़ा इलाके में करीब 5 कट्ठा सरकारी जमीन पर निजी संस्था ने कब्जा कर लिया है और रात के अंधेरे में अपने नाम का नेम प्लेट लगाकर जमीन भरने का काम शुरू कर दिया है। जमीन भरने का काम शुरू होने से एक स्थानीय आंगनवाड़ी स्कूल बंद के कगार पर है।
इलाके के लोग कार से काफी डरे हुए हैं। यहां तक कि एक बड़े नाले को भी पाट कर उस संस्था का कार्यालय बना दिया गया है। इस 5 कट्ठा जमीन का काफी हिस्सा वेटलैंड है। जानकारी के मुताबिक जमीन का जाली कागजात बनाकर ब्लॉक जमीन के लिए आवेदन किया गया। जानकारी के मुताबिक क्षेत्र में गौशाला निर्माण के लिए आवेदन किया गया है।
बीएलआरओ पर आरोप है कि बिना किसी जांच के ही उन्होंने इसके लिए इजाजत दे दी। इस भूमि के सत्यापन के बिना सरकारी भूमि को भरने की अनुमति निजी क्षेत्र को सौंप दिया गया है। इससे प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। शिवपुर हो या लिलुआ हर जगह राज्य और जिला भूमि एवं भूमि सुधार विभाग के खिलाफ शिकायतों की भरमार लगा हुआ है।
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