उमेश तिवारी, हावड़ा : किसी भी सामाजिक कार्यक्रमों के लिए हावड़ा स्टेशन से सटे रेल म्यूजियम को किराये पर देने की घोषणा पूर्व रेलवे के हावड़ा मंडल के डीआरएम सुमित नरूला ने की। डीआरएम ने कहा कि कई व्यावसायिक कंपनियों ने टेंडर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। इसका मुख्य उद्देश्य रेलवे के राजस्व में वृद्धि करना है। हालांकि रेलवे के इस फैसले को लेकर विवाद तेज हो गया है।
हाल ही में यात्री किराए और माल ढुलाई से रेलवे के राजस्व में गिरावट आई है। इसलिए रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार विभिन्न मंडलों को आय के वैकल्पिक स्रोत खोजने के निर्देश दिए गए हैं। इसलिए पूर्व रेलवे के हावड़ा मंडल ने रेलवे के संसाधनों का उपयोग करते हुए रेलवे संग्रहालय को वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए उपयोग करने का निर्णय लिया गया है।
पूर्व रेलवे के हावड़ा मंडल के डीआरएम सुमित नरूला ने कहा कि रेलवे ने राजस्व को बढ़ावा देने के लिए जन्मदिन सहित कुछ सामाजिक कार्यों के लिए रेलवे संग्रहालय को किराए पर देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले टेंडर हुआ था। कई वाणिज्यिक कंपनियों ने निविदा का जवाब दिया। संग्रहालय में जगह जनता के लिए खुली है।
रेलवे के इस निर्णय का भाजपा नेता उमेश राय ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि रेलवे म्यूजियम के पास काफी जगह है अगर उस जगह को किराए पर देने से रेलवे की आय में वृद्धि होती है तो इससे अच्छी बात और कोई नहीं हो सकती। इसमें विवाद का कोई प्रश्न ही नहीं है। किसी भी सामाजिक कार्य के लिए रेलवे ने रेलवे म्यूजियम के कुछ अंश को किराए पर देने का निर्णय लिया है। इससे रेलवे के साथ -साथ आम व्यक्ति को लाभ पहुंचेगा।
ज्ञात हो कि हावड़ा रेल संग्रहालय की स्थापना 2006 में हावड़ा रेलवे स्टेशन पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ भारत के पूर्वी हिस्से में रेलवे के इतिहास और विरासत को प्रदर्शित करने के लिए की गई थी। इसका उद्घाटन तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने किया था।