हावड़ा। हावड़ा डिविजन के पार्सल विभाग को भ्रष्टाचार के मकड़जाल ने इस कदर जकड़ लिया की विलिलेंस को अपनी नजरें टेड़ी करनी पड़ रही हैं। कभी कम वजन तो कभी ओवर लोडिंग या फिर बिना बुक कराए सामान भेजने का मामला एक के बाद एक सामने आ रहा है। इसके बावजूद विभागीय अधिकारी भ्रष्टाचार में शामिल कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने से कतरा रहा है।
सूत्रों के अनुसार 23 जून को ईआर आउट वार्ड सुपर गोदाम से भेजे गए सामान को प्लेटफार्म 19 पर 00327 अप अगरतला कोविड स्पेशल के पार्सल वैन में लादा जा रहा था। इसी बीच रेलवे विजिलेंस की चार सदस्यीय टीम ने छापेमारी कर दी। विजिलेंस को लोडर के पास लोडिंग गाइडेंस नहीं मिला। साथ ही 80 नग कम वजन के पाए गए। विजिलेंस ने कार्रवाई करते हुए 80 हजार का जुर्माना वसूला। लेकिन कामर्शिंयल विभाग के अफसरों की ओर से भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई तक नहीं की गई।
इस घटना से सुपर गोदाम में सीपीसी (डिस्पैच एवं वेइंगक्लर्क) शोभन भट्टाचार्य, सुपर गोदाम इंचार्ज सुधांशु शेखर और सीपीएलआई दिवेंदु विश्वास भी संदेह के घेरे में आ गए हैं। विभागीय अफसरों की मिलीभगत से पार्सल में भ्रष्टाचार का मामला यहीं समाप्त नहीं हुआ है। गत 22 जून को भी विजिलेंस ने धौली एक्सप्रेस के पार्सल वैन को चेक किया था जिसमें कम वजन का मामला पकड़ा गया था।
विजिलेंस ने चार हजार का अंडर चार्ज भी वसूला था। इसी दिन विजिलेंस ने अोल्ड काम्प्लेक्स में पूर्वा एक्सप्रेस के वीपी को चेक किया था। लोडर के पास लोडिंग गाइडेंस में 4 नग का लेखाजोखा दर्ज नहीं था। इस मामले में 33 हजार का जुर्माना भी वसूला गया था। इस घटना में भी पूर्व रेलवे सुपर गोदाम में पार्सल बाबू पर्वित सांतरा और शेड इंचार्ज सुधांशु शेखर संदेह के घेरे में आए थे।
इसके अलावा 21 जून को विजिलेंस की टीम ने गीतांजलि एक्सप्रेस के पार्सल वैन में लोड हो रहे सामान का चेक किया था। विजिलेंस को यहां भी लोडर के पास लोडिंग गाइडेंस नहीं मिला था। इसके बाद विजिलेंस टीम एसईआर आउट वार्ड शेड नंबर 9 में पहुंची थी। ड्यूटी पर तैनात पार्सल बाबू शिवनाथ चटर्जी से गड़बड़ी के बाबत विजिलेंस ने पूछताछ शुरू की तो वह अस्वस्थ होकर जमीन पर गिर पड़े थे।
गत 10 अप्रैल को भी हावड़ा से रवाना होने वाली 05959 अप एक्सप्रेस के 3.9 टन के क्षमता वाले आर/एसएलआर में 06.80 टन सामान लाद दिया गया था। ट्रेन की चाल में समस्या आने पर न्यू अलीपुरद्वार में एसएलआर की जांच कर क्षमता से अधिक सामान को उतार दिया गया था। पार्सल विभाग से लगातार भ्रष्टाचार के मामले सामने आने के बावजूद वाणिज्य विभाग के आला अधिकारी ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की वजाए उनकी कारगुजारी पर परदा डालने में जुटा हुआ है।
पार्सल विभाग में कम वजन या ओवर लोडिंग के किसी मामले की जानकारी मेरे पास नहीं है। विजिलेंस से भी मुझे कोई जानकारी नहीं मिली है। आफिशियल तौर पर जानकारी नहीं मिलते तक इस पर कुछ भी नहीं कह सकता। पार्सल एरिया खुला क्षेत्र है। कोई भी यहां सामान रख जाता है विजिलेंस उसको पकड़ कर चार्ज कर देती है।
राजीव रंजन
सीनियर डीसीएम, हावड़ा रेल मंडल