वाराणसी : 11 अगस्त 2022 गुरुवार को रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाएगा। भाई बहन के इस त्योहार को राखी भी कहते हैं। संपूर्ण भारत में इस पर्व को मनाये जाने की परंपरा भिन्न भिन्न है। हालांकि कुछ एक जैसी रीति रिवाज भी है। आइए जानते हैं कि राखी का यह त्योहार किस तरह मनाते हैं।
1. ऐसी मान्यता है कि रक्षा बंधन के दिन भाई अपनी बहन (यदि विवाह हो गया है तो) को अपने घर बुलाता है और भाई दूज के दिन बहन अपने भाई को अपने घर बुलाती है।
2. बहन भाई के लिए मिठाई, राखी या सूत का धागा, नारियल आदि अपने घर से लाती है।
3. इसके अलावा तिलक करने के लिए कुंकु व अक्षत, सिर पर रखने के लिए छोटा रुमाल अथवा टोपी रहती है।
4. बहन पहले भाई को पूर्व दिशा में मुख करके पाट पर बैठाती हैं। फिर सिर पर टोपी या रुमाल रखती है।
5. पूजा की थाली में कुंकु, चावल, मिठाई, नारियल, राखी आदि रखकर दीप जलाती है।
6. फिर भाई के हाथों में नारियल और सवा रुपया रखकर इसके बाद कुंकु, हल्दी और अक्षत से तिलक लगाती हैं।
7. तिलक लगाने के बाद दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधती है।
8. राखी बांधते वक्त यह मंत्र बोला जाता है :-
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वां अभिबन्धामि रक्षे मा चल मा चल।।
9. इसके बाद बहन भाई की आरती उतारती है और लोटे में भरा जल आसपास छोड़ती है। साथ ही भाई की उन्नति, सेहत और सुख के लिए मनोकामना करती है।
10. अंत में भाई आरती की थाली में यथाशक्ति नगदी रखकर दीदी को गिफ्ट या उपहार देकर उसके पैर पड़ता है और बहन अगर छोटी है तो आशीर्वाद देता है।
ज्योतिर्विद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848