अकाल मृत्यु से बचने के लिए धनतेरस पर कितने, कहां और किस दिशा में जलाएं दीपक

वाराणसी। कार्तिक मास के कृष्‍ण पक्ष की त्रयोदशी पर धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। 29 अक्टूबर 2024 को धन त्रयोदशी यानी धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन भगवान धनवंतरि और यमदेव की पूजा होती है। इस दिन यम के नाम का दीप दक्षिण दिशा में जलाया जाता है। इस दिन 13 दीपक जलाना चाहिए। आइए जानते हैं कि धनतेरस पर कितने दीपक जलाना चाहिए और कहां पर, धनतेरस के दिन यमराज के निमित्त जिस घर में दीपदान किया जाता है वहां अकाल मृत्यु नहीं होती है।

धनतेरस की शाम को मुख्य द्वार पर 13 और घर के अंदर भी 13 दीप जलाने होते हैं।

लेकिन यम के नाम का दीपक परिवार के सभी सदस्यों के घर आने और खाने-पीने के बाद सोते समय जलाया जाता है।

इस दीप को जलाने के लिए पुराने दीपक का उपयोग किया जाता है जिसमें सरसों का तेल डाला जाता है।

यह दीपक घर से बाहर दक्षिण की ओर मुख कर नाली या कूड़े के ढेर के पास रख दिया जाता है।

इसके बाद जल चढ़ा कर दीपदान करते समय यह मंत्र बोला जाता है :
मृत्युना पाशहस्तेन कालेन भार्यया सह।
त्रयोदश्यां दीपदानात्सूर्यज: प्रीतयामिति।।

कई घरों में इस दिन रात को घर का सबसे बुजुर्ग सदस्य एक दीया जला कर पूरे घर में घुमाता है और फिर उसे लेकर घर से बाहर कहीं दूर रख कर आता है। घर के अन्य सदस्य अंदर रहते हैं और इस दीये को नहीं देखते हैं। यह दीया यम का दीया कहलाता है। माना जाता है कि पूरे घर में इसे घुमा कर बाहर ले जाने से सभी बुराइयां और कथित बुरी शक्तियां घर से बाहर चली जाती हैं।

पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री

ज्योतिर्विद रत्न वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 99938 74848

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