शरद पूर्णिमा पर होने वाले ग्रहण की सम्पूर्ण जानकारी
सूतक काल : 28 अक्टूबर 2023 – शाम 4:05 बजे से सूतक काल प्रारम्भ
ग्रहण का समय : 29 अक्टूबर 2023 – रात्रि 1:05 ग्रहण से 2:24 तक मोक्ष
वाराणसी। पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री जी ने बताया कि खीर का भोग कैसे लगाएं – सूतक काल से पहले ही खीर बनाकर खीर में कुशा( घास ) डालकर रख दीजिए एवं ग्रहण के मोक्ष के उपरांत खीर को खुले आसमान के नीचे रख दीजिए, एवं प्रातः काल मंगला आरती के बाद खीर में तुलसी दल छोड़ कर ठाकुर जी को भोग लगा कर प्रसाद रूप में ले सकते है।
चंद्रग्रहण : 28 अक्टूबर 2023, शनिवार
चंद्रग्रहण का समय : चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर 2023, शनिवार देर रात (1 बजकर 5 मिनट) से लेकर (2 बजकर 23 मिनट) तक रहेगा। यानी यह ग्रहण 1 घंटा 18 मिनट का रहेगा। इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य होगा।
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री जी ने बताया कि ग्रहण, सूतक काल समय चंद्रग्रहण का सूतक काल ग्रहण के 9 घंटे पूर्व से शुरु हो जाता है अतः भारतीय समय अनुसार, चंद्रग्रहण का सूतक शाम में 4 बजकर 5 मिनट पर आरंभ हो जाएगा। इस ग्रहण में चंद्रबिम्ब दक्षिण की तरफ से ग्रस्त होगा।
सूतक काल में न करें ये काम : चंद्रग्रहण का सूतक शाम में 4 बजकर 5 मिनट पर प्रारंभ हो जाएगा। इस दौरान आपको किसी प्रकार का मांगलिक कार्य, स्नान, हवन और भगवान की मूर्ति का स्पर्श नहीं करना चाहिए। इस समय आप अपने गुरु मंत्र, भगवान नाम जप, श्रीहनुमान चालीसा कर सकते हैं।
चंद्र ग्रहण : आज ही शरद पूर्णिमा भी है तो दिन में खीर बना कर उसमे कुश डालकर कपड़े से ढंक कर छत पे रख दे! और सूतक काल के दौरान भोजन बनाना व भोजन करना भी उचित नहीं है। हालांकि, सूतक काल में गर्भवती स्त्री पानी और फल ले सकती है, बच्चे, वृद्धजन भोजन कर सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें दोष नहीं लगेगा। ध्यान रखें की सूतक काल आरंभ होने से पहले खाने पीने की चीजों में तुलसी या कुश के पत्ते डाल दें।
चंद्र ग्रहण पुण्य काल : चंद्र ग्रहण से मुक्त होने के बाद स्नान- दान- पुण्य- पूजा उपासना इत्यादि का विशेष महत्व है। अतः 29 अक्टूबर, सुबह स्नान के बाद भगवान की पूजा- उपासना, दान पुण्य करें। ऐसा करने से चंद्र ग्रहण के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
ज्योर्तिविद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848