कोलकाता। 24 नवम्बर रविवार को हिन्दी साहित्य परिषद के द्वारा आयोजित शरद साहित्य महोत्सव सोल्लास संपन्न हुआ। देश के विभिन्न प्रदेशों से पधारे साहित्य साधकों ने अपने सरस काव्य छंदों एवं गजलों की त्रिवेणी बहाकर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया सराबोर कर दिया। ज्ञात हो कि हिन्दी साहित्य परिषद द्वारा आयोजित शरद साहित्य महोत्सव को दो सत्र में संपन्न किया गया।
प्रथम सत्र में शंखनाद के साथ गणेश जी दुर्गा जी और सरस्वती जी को हिन्दी साहित्य परिषद के संस्थापक अध्यक्ष संजय शुक्ल जी ने मंचासीन किया। बहराइच उत्तर प्रदेश से उपस्थित श्रेष्ठ काव्य मर्मज्ञ राम करण मिश्र सैलानी ने दीप प्रज्वलित कर आयोजन का आरंभ किया। तत्पश्चात शास्त्रोक्त मंत्रों से सबसे पहले गणेश जी की स्तुति नन्दू बिहारी और रीमा पांडेय ने अपने कोकिल कंठ से वाणी वंदना प्रस्तुत कर आयोजन का शुभारंभ किया।
प्रथम सत्र में मंच की अध्यक्षता चन्द्रिका प्रसाद पाण्डेय अनुरागी ने किया साथ में मंचासीन रहे कृष्ण कुमार दूबे, राम पुकार सिंह ‘गाजीपुरी’, प्रधान अतिथि राम नारायण झा ‘देहाती’ तथा डाॅ. रेणु शर्मा हाजीपुर बिहार विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित रही।
आयोजन अपने नियत समय पर आरम्भ हो चुकी थी उसी मध्य हमारे अभिभावक ताजा टीवी के निदेशक विश्वंभर नेवर का पदार्पण हुआ जो मुख्य अतिथि के रुप में सम्मानित हो कर मंचासीन हुए और घंटों कविता का रसास्वादन करते रहे कवियों का मानवर्धन करते रहे। मंचासीन सभी अतिथि एवं मुख्य अतिथि के कर कमलों से परिषद उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार दूबे की दुसरी पुस्तक “झरोखे यादों के” को लोकार्पित किया गया।
प्रथम सत्र में शहर और परिषद के 25 कवियों ने अपनी रचनाओं से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। अपने शानदार संचालन से मौसमी प्रसाद ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिये। 2:15 से 3:00 बजे तक भोजनावकाश के पश्चात पुनः काव्य गंगा की धारा बही और सबको अंतस को भींगोती आनंद सागर में समाती चली गई।
दुसरे सत्र की अध्यक्षता नामचीन कवि जय कुमार रुसवा ने किया तो सुदूर राज्य उत्तर प्रदेश से पधारे विख्यात शायर दीदार बस्तीवी, फलक सुल्तानपुरी, शकील अहमद शकील, मुसर्रत, मोइन, चोंच गायवी, अंजुम अजहर, पंकज कुमार कवि के साथ मंच पर विशेष अतिथि के रुप में नामचीन शायर नन्दलाल सेठ रौशन जी उपस्थित रहे।
आयोजन में उपस्थित सभी वरदपुत्रों का सम्मान किया गया पश्चात सभी ने अपने सरस काव्य पाठ से उपस्थित श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। मंच पर हिन्दी और उर्दू के रचनाओं की विशाल धारा बहती रही जिसमें सभी स्नान कर परमानन्द की प्राप्ती करते रहे। दुसरे सत्र का कुशल संचालन वकील शायर शकील गोंडवी ने किया।
कार्यक्रम में उपस्थित रहे, मौसमी प्रसाद, रीमा पाण्डेय, राजन शर्मा, विकास ठाकुर, वंदना पाठक, प्रदीप धानुक, उमा शंकर पाण्डेय, प्रियंका चौरसिया, रूपम महतो, प्रणीति ठाकुर और बहुत सारे कार्यकारिणी के पदाधिकारी गण।
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